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गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 24 घंटे में बने दो विश्व रिकॉर्ड
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यूपी में विश्व स्तरीय रोड कनेक्टिविटी देने को लेकर कितनी तेज गति से काम किया जा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 24 घंटे में दो विश्व रिकॉर्ड बने हैं।

पहला रिकॉर्ड हरदोई-उन्नाव प्रभाग (पैकेज-3) में 24 घंटे में 34.24 लेन किलोमीटर बिटुमिनस कंक्रीट बिछा कर बनाया गया है। 20,105 घन मीटर बिटुमिनस मिक्स का उपयोग कर 1,71,210 वर्ग मीटर क्षेत्र में सड़क का निर्माण किया गया।

इससे पूर्व वर्ष 2023 में गाजियाबाद-अलीगढ़ एक्सप्रेसवे पर 27 लेन किलोमीटर का रिकार्ड था। इस कार्य में 200 टन प्रति घंटे (टीपीएच) की क्षमता वाले पांच हॉट मिक्स प्लांट का प्रयोग किया गया है।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरि प्रसाद शाही ने बताया कि बीते रविवार को दूसरा विश्व रिकार्ड एक ही दिन में 10 किलोमीटर थाई बीम क्रैश बैरियर की स्थापना कर बनाया गया है। यह रिकॉर्ड पहली बार किसी भी एक्सप्रेस-वे के निर्माण में दर्ज हुआ है।

थाई बीम क्रैश बैरियर दुर्घटना होने पर वाहन को सड़क से बाहर नहीं जाने देता है और विशेष डिजाइन के कारण दुर्घटना होने पर वाहन को सुरक्षित रखने में मददगार साबित होता है। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे की राइडिंग क्वालिटी और सुगम सफर की जांच स्विट्जरलैंड की ईटीएच यूनिवर्सिटी, ज्यूरिख की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से की जा रही है।

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक आफ रिकार्ड्स और इंडियन बुक आफ रिकार्ड्स के प्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर इन रिकार्ड्स की पुष्टि की और प्रमाण पत्र जारी किए। इसका निर्माण कार्य मेसर्स अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है और मेसर्स पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने यह रिकार्ड कायम किए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीती 27 अप्रैल को हरदोई में गंगा एक्सप्रेसवे, शाहजहांपुर में आपातकालीन हवाई पट्टी और हापुड़ में गंगा सेतु का निरीक्षण कर समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य के निर्देश दिए थे। गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश की सबसे लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना है।

594 किलोमीटर लंबे छह लेन के इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण नवंबर 2022 में शुरू किया गया था, जबकि नवंबर 2025 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके निर्माण पर 36,230 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं।

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