निकाय चुनाव के लिए विकास की बिसात बिछा गए सीएम योगी
गोरखपुर, 10 अप्रैल। रविवार शाम जब नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज रहा था, तब उसके पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर मंडल में विकास की बिसात बिछा चुके थे। निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पूर्व ही तेरह दिन में वह मंडल के चारों जिलों में दौरा कर 8616.43 करोड़ रुपये की सौगात दे चुके थे।
इसमें बीते दो दिन में तीन जिलों का दौरा कर उन्होंने 43 सौ करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों की सौगात देने के साथ लोगों को निकाय चुनाव से जोड़ने का लक्ष्य भी साध दिया। चुनाव में जातीय समीकरणों को ध्वस्त कर ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए योगी के इस कदम को मास्टरस्ट्रोक के रूप में माना जा रहा है।
नगर निकाय चुनाव भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जनता के मूड को भांपने का भी अवसर है। पार्टी 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में मिली सफलता में किसी भी तरह विपक्षी दलों की सेंधमारी नहीं होने देना चाहती है। इसके लिए गोरखपुर मंडल को मॉडल बनाकर तैयारी भी दिखती है।
गोरखपुर मंडल की सभी 6 लोकसभा सीटों और 28 में से 27 विधानसभा सीटों पर भाजपा काबिज है। नगर निकाय चुनाव में भी यहां एक तरह से क्लीन स्वीप की मंशा है। इसके लिए समय रहते तैयारियों की कमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही संभाली। पहले 29 मार्च और फिर 8-9 अप्रैल को दौरा कर सीएम योगी मंडल के सभी चार जिलों में कानून व्यवस्था के धरातल पर विकास का दांव चल चुके हैं।
8 अप्रैल को मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में 10.43 करोड़ रुपये के ग्रामीण स्टेडियम, देवरिया में 480 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। इस दिन उन्होंने गीडा क्षेत्र में 1071 करोड़ रुपये के निजी निवेश वाले पेप्सिको की फ्रेंचाइजी प्लांट का भूमि पूजन भी किया।
9 अप्रैल को गोरखपुर में 1046 करोड़ तथा इसी दिन महराजगंज में 2791 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इसके पहले वह 29 मार्च को कुशीनगर में 451 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात दे चुके थे। जबकि 28 मार्च को उन्होंने गोरखपुर में जीडीए की खोराबार टाउनशिप और मेडिसिटी परियोजना की आधारशिला रखने के साथ 3838 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण व शिलान्यास किया था।
2017 के बाद से ही मुख्यमंत्री के दौरों पर विकास कार्यों की सौगात मिलना आम बात है। पर, विगत दो बार के दौरे काफी हद तक नगर निकाय चुनाव को लेकर नागरिकों को सहेजने वाले थे। इसका लब्बोलुआब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधनों में भी नजर आया। कानून व्यवस्था विकास और जनकल्याण के जिस हथियार से 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में कामयाबी हासिल की गई, उसे ही निकाय चुनाव में भी आजमाया जाएगा।
माना जाता है कि भाजपा ने इसी दांव से विपक्ष के जातीय समीकरणों को ध्वस्त किया है। मुख्यमंत्री ने पिछले दौरों पर मजबूत कानून व्यवस्था का बखान किया तो यह समझाया कि जातिवाद से किसी का भला नहीं होगा। विकास व सबकी भलाई और रफ्तार से होती रहे, इसके लिए अब डबल इंजन में नगर निकाय का तीसरा इंजन भी जोड़ना होगा। अधिसूचना से पूर्व के अपने संबोधन में उन्होंने लोगों से सीधे तौर पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव की तरह नगर निकाय में बीजेपी के पक्ष में क्लीन स्वीप वाला परिणाम देने की अपील भी कर दी।