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कोरोना के बावजूद निर्यात के क्षेत्र यूपी की शानदार उपलब्धि, बढ़ा 30%
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अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 के दौरान बढ़ा 30 फीसद निर्यात

कुल निर्यात में ओडीओपी का योगदान 72 फीसद


वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद निर्यात के लिहाज से उत्तर प्रदेश के लिए 2021-2022 शानदार रहा। अप्रैल 2020-2021 से लेकर अप्रैल 2021-2022 के दौरान यूपी का निर्यात 107423.5 करोड़ से बढ़कर 140123.5 करोड़ रुपए हो गया। समग्रता में यह करीब 30 फीसद की वृद्धि है। इस निर्यात में ओडीओपी एक जिला, एक उत्पाद से जुड़े सामानों की है।
प्रोजेक्ट्स गुड्स फ़ॉर स्पेशल पर्पज में 2747 फीसद तक निर्यात बढ़ा है।

ओडीओपी में अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता

जनवरी 2018 में उत्तर प्रदेश के प्रथम स्थापना दिवस पर लांच की गई मुख्यमंत्री की फ्लैगशिप योजना ओडीओपी की निर्यात में हिस्सेदारी खुद में उल्लेखनीय है। यह इस बात का भी संकेत है कि आने वाले समय में ओडीओपी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन सकता है। यही नहीं उत्तर प्रदेश ने वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का जो लक्ष्य रखा है उसमें भी ओडीओपी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इसके मद्देनजर काम भी जारी है। मसलन जिलों के उत्पादों के अनुसार वहां एक ही छत के नीचे इन उत्पादों से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स के हित के मद्देनजर कॉमन फैसिलिटी सेन्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें से 5 तो बनकर तैयार हैं। कुछ जल्दी ही बनकर तैयार हो जाएंगे। कुछ जिलों के सीएफसी का शीघ्र लोकार्पण भी होना है।

पांच साल में निर्यात दोगुना करने का लक्ष्य

ओडीओपी की संभावनाओं के ही मद्देनजर सरकार ने अगले 5 साल में इसके निर्यात और इससे सृजन होने वाले रोजगार का लक्ष्य दोगुना रखा है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में ओडीओपी से करीब 25 लाख लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार/स्वरोजगार मिला था। योगी सरकार 2.0 का लक्ष्य अगले पाँच सालों में निर्यात के साथ साथ रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर को दोगुना करने का है।

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