Breaking news
दुनिया में जहां भी वंचित-पीड़ित की बात होगी, याद आएंगे बाबा साहेब : योगी आदित्यनाथ
Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय संविधान शिल्पी बाबा साहेब न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में पीड़ितों-वंचितों के सबसे ओजस्वी स्वर हैं। जब भी कहीं दलित, पीड़ित, वंचित अथवा समाज के अंतिम पायदान पर मौजूद व्यक्ति की बात होगी, मानवता पूरी श्रद्धा के साथ बाबा साहेब का स्मरण करेगी। शिलान्यास कार्यक्रम आयोजन तिथि तय करने के बारे में सीएम ने बताया कि आज से 93 वर्ष पूर्व 29 जून 1928 को ही डॉ. आंबेडकर ने “समता” नाम से साप्ताहिक पत्रिका की शुरुआत की थी।

इसीलिए जब उनकी स्मृतियों को सहेजने की दिशा में इस सांस्कृतिक केंद्र के शिलान्यास का मौका है तो इससे बेहतर और कोई दिवस नहीं हो सकता। सीएम ने कहा कि पराधीनता के उस कालखंड में भी बाबा साहेब ने समतामूलक समाज के लिए संघर्ष किया।

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में बाबा साहेब के सपनों को साकार करने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बाबा साहेब की स्मृतियों से जुड़े “पंचतीर्थों” को सहेजने के प्रयास को विश्व मानवता के लिए अनुपम उपहार कहा। सीएम योगी ने शिलान्यास की स्वीकृति देने के लिए राष्ट्रपति दंपति के प्रति आभार भी जताया।

सभी के लिए आदर्श है संविधान शिल्पी का जीवन-कृतित्व: राज्यपाल

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविन्द का अभिनन्दन किया। साथ ही, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जीवन को सभी के लिए आदर्श बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि बाबा साहेब की स्मृतियों को संजोने और नई पीढ़ी को उनके मूल्यों से परिचित कराने ने यह नवीन केंद्र महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

राज्यपाल ने डॉ. आंबेडकर के जीवन मूल्यों, संघर्ष गाथा और समतामूलक समाज के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के आदर्शों को केंद्र में रखकर केंद्र व राज्य सरकार वंचित वर्ग के उत्थान के लिए अनेक प्रयास कर रही हैं।

इससे पहले, संस्कृति मंत्री डॉ.नीलकंठ तिवारी ने कहा कि इन दिनों देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, तो उत्तर प्रदेश चौरीचौरा शताब्दी वर्ष में वीरों को नमन कर रहा है। यह सभी प्रयास स्वातंत्र्य सैनिकों को श्रद्धांजलि स्वरूप है।

प्रदेश सरकार महापुरुषों के व्यक्तित्व-कृतित्व से नई पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से अनेक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूज्य बाबा साहेब की स्मृतियों को संजोने में के लिए इस नवीन केंद्र की स्थापना कराई जा रही है।

सर्व मंगल की कामना के साथ आध्यात्मिक हुआ माहौल

शिलान्यास से पूर्व कार्यक्रम में सर्व मंगल की कामना के साथ वैदिक मंत्रों का पाठ हुआ तो भिक्षु गणों ने संगायन से माहौल को आध्यात्मिक बना दिया। राष्ट्रपति भी इससे प्रभावित हुए और अपने उद्बोधन में इसका जिक्र भी किया। बालिकाओं ने “ॐ संगच्छध्वं संवदध्वं,सं वो मनांसि जानताम् , देवा भागं यथा पूर्वे, सञ्जानाना उपासते।।” का वाचन किया तो भिक्षु गणों ने “नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स।” का गायन कर “भवतु सर्व मंगलं” का उद्घोष किया।

एक नजर में: भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र

● बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा देश एवं समाज के उत्थान हेतु की गयी सेवाओं के अनेक आयाम हैं। युवा पीढ़ी को डॉ आंबेडकर के आदर्शों से परिचित कराने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण एक प्रेरणास्थल के रूप में कराया जा रहा है।

● ऐशबाग, लखनऊ में 1.34 एकड़ क्षेत्र में भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र के निर्माण हेतु भूमिचयनित कर ली गयी है । सांस्कृतिक केन्द्र में प्रवेश द्वार के ठीक सामने भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर जी की 25 फीट ऊँची प्रतिमा की स्थापना के साथ ही बाबा साहब की पवित्र अस्थियों का कलश भी दर्शनार्थ स्थापित किया जाएगा।

● सांस्कृतिक केन्द्र में पुस्तकालय, शोध केन्द्र, अत्याधुनिक प्रेक्षागृह, आभासी संग्रहालय, डॉरमेट्री, कैफेटेरिया, भूमिगत पार्किंग एवं अन्य जनसुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.