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नीतीश के ‘कौन साथ है और कौन नहीं’ वाले बयान पर तेजस्वी  ने कही ये बात
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बिहार में नीतीश सरकार बनने के बाद से ही तेजस्‍वी यादव हमलावर रूख अपनाए हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने शनिवार को फिर नीतीश सरकार पर हमला बोला। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से मिलने पहुंचे तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा-जदयू की आपसी लड़ाई में नुकसान बिहार की जनता का हो रहा है।

मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि मंत्रिमंडल बनाना किसका काम है। राज्यपाल किसकी सिफारिश पर नियुक्ति करते हैं। दोहराया कि बिहार में मध्यावधि चुनाव होना तय है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एनडीए सरकार ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था। मगर यह रोजगार कैसे और कब मिलेगा, इसका कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार बने काफी समय होने के बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार न होने के कारण सरकार का काम पूरी तरह बाधित हो रहा है।

धन्यवाद यात्रा से जुड़े सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अभी इसकी तिथि फाइनल नहीं हुई है। मकर संक्रांति के बाद पार्टी के नेता मिलकर इसे तय करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बारे में कहा कि उन्हें नए साल की बधाई देने गए थे।

राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि अंदर की बात नीतीश कुमार के मुंह से शायद ही बाहर आती है। उनको जानने वाले इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं। कहा कि नीतीश जी ने स्वयं इस बात को सार्वजनिक किया कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा की ओर से अब तक नाम नहीं मिला है, इसलिए विस्तार ठहरा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके पहले मंत्रिमंडल गठन में हम इतना विलंब कहां करते थे। श्री तिवारी ने कहा कि एनडीए में जो हालात हैं, उनमें मध्यावधि चुनाव की बात किया जाना कतई गलत नहीं है।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा सार्वजनिक रूप से इस बात को जाहिर करना दर्शाता है कि इस विलंब की वजह से वे असहज महसूस कर रहे हैं। मौजूदा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 14 सदस्य हैं। हर मंत्री के पास कई विभाग हैं। नया होने के कारण उनके पास अनुभव भी कम है। ऐसे में शासन-प्रशासन का काम प्रभावित होना स्वाभाविक है।

कहा कि भाजपा के बिहार प्रभारी और दूसरे नेता जिस तरह पहले जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह और फिर नीतीश कुमार से मिले थे, उससे लग रहा था कि मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता साफ हो गया है। कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में चिराग पासवान को भी जगह मिलने की चर्चाएं हैं। इन हालात में अब लग रहा है कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू को कम सीटें आने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एनडीए में सबकुछ पांच माह पहले तय होना चाहिए था। लेकिन, कोरोना के कारण समय कम हो गया। इतना कम समय था कि पता नहीं चला कौन साथ दे रहा है, कौन नहीं दे रहा है। शनिवार को जदयू की राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के समय शाम में जब पार्टी ऑफिस लौटकर आते थे तभी संदेह पैदा हो गया था।

कहा कि वर्ष 2019 में पार्टी का सदस्यता अभियान चला। बूथस्तर तक कमिटी बनी, ट्रेनिंग दी गई। सबको बुला-बुलाकर हम मिले। लेकिन फरवरी में जब हमने नेताओं की बैठक की तो हमको शक हो गया था। हमने इतना काम किया, पार्टी के साथी जानते थे, लेकिन चीजें नीचे तक नहीं पहुंचीं। 11 मुस्लिम को टिकट दिया। इतनी महिलाओं को टिकट दिया, ऐसा तो किसी ने नहीं किया, लेकिन इसका इंपैक्ट नीचे नहीं गया।

नीतीश कुमार ने कहा कि जब हमारे लोग कम जीते तो हमारा मन नहीं था मुख्यमंत्री बनने का, लेकिन अपनी पार्टी और बीजेपी के चलते माने। मैंने सबके कहने पर और दबाव देने पर मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। पर, जबसे सरकार में आए, हम बैठे हुए नहीं हैं। किसी अपराधी को बचाया नहीं जाता। हम दिन रात काम में लगे रहते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि 2015 से भंग कमेटियां जल्द ही गठित होंगी और कार्यकर्ताओं को इनमें जगह दी जाएगी। कहा कि हम चाहते थे कि कमेटियां बनें लेकिन सहयोगी दल नहीं चाहे।

मुख्यमंत्री नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव में पराजित हुए जदयू नेताओं से चुनाव परिणाम भूल पूरी मजबूती से काम में लग जाने को कहा है। उन्होंने कहा कि अपने क्षेत्र की सेवा उसी तरह कीजिए जैसे आप चुनाव जीतकर करते। सरकार पूरे पांच साल चलेगी। समाज के हर तबके के बीच जाइए और हर तबके के उत्थान के लिए काम करिए। आने वाले समय में हमलोग पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा कि हमलोग समाजवादी सोच के लोग हैं। गांधी, जेपी, लोहिया, अंबेडकर और कर्पूरी को मानने वाले लोग हैं। हमलोगों की राजनीति सेवा के लिए है, स्वार्थ के लिए नहीं। जनता की सेवा ही हमारा एकमात्र लक्ष्य है। हमें जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक समान काम करना है। उन्होंने सभी पराजित उम्मीदवारों से कहा कि चुनाव परिणाम को भूलकर पूरी मजबूती के साथ काम में लग जाइए।

उन्होंने कहा कि आजकल लोग सोशल मीडिया का उपयोग दुष्प्रचार के लिए करते हैं। तरह-तरह का भ्रम फैलाते हैं। आप उसका उपयोग लोगों के बीच अपनी पॉजिटिव बातों को रखने में करिए। लोगों को, खासकर नई पीढ़ी को सजग करके सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करिए। कहा कि जो कुछ पाने की लालसा से इस पार्टी में हैं, ये पार्टी उनलोगों के लिए नहीं है। जो नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं और दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उन्हें जरूर आगे बढ़ाया जाएगा।

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