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तो अब हिंदुत्व की राजनीति में तपेगा आंध्र प्रदेश
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आंध्र प्रदेश इन दिनों हिंदुत्व की नई प्रयोगशाला बनता जा रहा है। हिंदुत्व की राजनीति के सहारे सत्‍ता के शिखर तक पहुंची बीजेपी दक्षिण में पार्टी विस्तार का प्‍लान बना चुकी है। कर्नाटक, तेलंगना के अलावा बीजेपी की नजर आंध्र प्रदेश पर भी टिकी है।

तेलुगु देशम पार्टी और कांग्रेस के कमजोर होने के कारण आंध्र प्रदेश में एक राजनीतिक शून्यता आई है और बीजेपी इसे भरने की कोशिश में लगी है। पार्टी नेताओं का कहना है कि साल 2024 तक बीजेपी एक बड़ी ताकत के रूप में उभरेगी।

दूसरी ओर TDP आंध्र प्रदेश में BJP के हिंदुत्व वाले एजेंडे को अपनाकर उसके सहारे अपनी नैया को पार लगाने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी उन पर राजनीतिक अवसरवादी होने का आरोप लगा चुकी है।

दरअसल, राज्य के पूर्व सीएम और तेलुगुदेशम पार्टी (TDP) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने सीएम जगन मोहन रेड्डी को धर्मांतरण के मुद्दे पर घेरा है। नायडू ने जगन मोहन सरकार पर आरोप लगाया है कि पिछले कुछ महीनों से हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। यही नहीं लोगों को ईसाई बनाने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।

बता दें कि आंध्र प्रदेश में यह पहली बार नहीं हो रहा है। कहा जाता है कि जगन के पिता जब थे तब भी ऐसा ही हुआ था। जगन मोहन रेड्डी के पिता YS राजशेखरेड्डी पर भी ईसाई धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगा था।

TDP प्रमुख और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को मंगलीगिरी में पार्टी की एक कार्यकारी समिति को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री YS जगन मोहन रेड्डी राज्य में ईसाई धर्म के धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहे हैं। यह आरोप मुख्य विपक्षी दल की ओर से ऐसे समय में आया है, जब आंध्र प्रदेश में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है।

नायडू ने कहा कि यहां केवल क्या ईसाइयों की ही धार्मिक भावनाएं रखने वाले लोग हैं, क्या हिंदुओं और मुसलमानों में समान भावनाएं रखने वाले नहीं हैं? उन्होंने हाल ही में विजयनगरम स्थित रामतीरधाम मंदिर में क्षतिग्रस्त हुईं मूर्तियों की न्यायिक और सीबीआई जांच की मांग की।

विपक्ष जहां इस मुद्दे पर YSRCP सरकार पर हमला बोल रहा है तो वहीं सरकार ने विपक्ष पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। जगन ने नायडू के बयान को नए युग का अपराध कहा है। उन्होंने कहा, ‘नायडू को लगता है कि इस तरह के हथकंडे अपनाकर उनको लाभ होगा।’

वहीं YSRC विधायक अंबाती रामबाबू ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू अपने वोट बैंक का दायरा बढ़ाने के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। वह हिंदू धर्म के मुक्तिरक्षक की तरह व्यवहार कर रहा हैं। लेकिन हकीकत में उन्हें अपनी जाति के अलावा किसी भी धर्म के प्रति कोई सम्मान नहीं है। नायडू ने अपने शासन के दौरान रातोंरात 40 मंदिरों को ध्वस्त करा दिया था।

हाल ही में रामतीरधाम मंदिर को हानि पहुंचाई गई। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इसकी निंदा भी की थी। नायडू ने कहा था कि जगन मोहन रेड्डी ने हिंदुओं के साथ विश्वासघात किया है। रेड्डी के शासनकाल में पिछले 19 महीनों में हिंदू मंदिरों को हानि पहुंचाने की 127 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। लेकिन अभी तक एक भी दोषी को सजा नहीं हुई है।

बता दें कि इस साल के पहले सप्ताह में शुक्रवार को सुबह भगवान सुब्रमण्येश्वर की प्रतिमा खंडित की गई थी। यह घटना पूर्वी गोदावरी जिले के राजमहेंद्रवरम शहर के गणेश मंदिर की है। दारसी शहर में 22 दिसंबर को भगवान कृष्ण मंदिर परिसर में जानवरों का मांस मिला था।

सितंबर में चित्तूर जिले में भगवान शिव मंदिर में नंदी की मूर्ति टूटी मिली थी। इसी महीने पूर्वी गोदावरी जिले में प्राचीन अंटार्वदी लक्ष्मी नरसिम्हा मंदिर परिसर में एक सदी पुराना रथ संदिग्ध परिस्थितियों में जला हुआ पाया गया था।

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