Breaking news
राम मंदिर भूमि पूजन विवाद, जानें क्या है मामला
Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

Khabarji news desk

5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले राममंदिर के भूमि पूजन मुहूर्त को लेकर वाराणसी के संतों और ज्योतिषियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ प्रतिष्ठित संतों और ज्योतिषशास्त्र के विद्वानों के अनुसार 5 अगस्त बुधवार को दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर राम मंदिर शिलान्यास का महूर्त अशुभ है। अब चूंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं राममंदिर का शिलान्यास करने जा रहे हैं तो मुहूर्त पर यह विवाद बेहद महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला है। आइए इस विषय में ज्योतिषशास्त्री सचिन मल्होत्रा से जानें 5 अगस्त के राम मंदिर भूमि पूजन मुहूर्त पर क्या कहता है ज्योतिषशास्त्र।

इससे पहले हम राममंदिर मुहूर्त की कुंडली का अवलोकन करें तो यहां कुछ आश्चर्यजनक संयोग जान हैरान रह जाएंगे। राम मंदिर आंदोलन के समय 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में विश्वहिंदू परिषद ने हजारों रामभक्तों के साथ राममंदिर का शिलान्यास किया था किन्तु तब यह विषय कोर्ट में विचाराधीन था। इस घटना के 30 साल बाद 9 नवंबर 2019 को इस ऐतिहासिक विवाद का पटाक्षेप करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विवादित भूमि को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हुए राममंदिर के पक्ष में निर्णय सुनाया।

इन दोनों महत्वपूर्ण घटनाओं में तिथि 9 नवंबर की थी। अब ध्यान दीजिये पिछले वर्ष 5 अगस्त को एक नाटकीय घटनाक्रम में भाजपा ने धारा 370 को हटाकर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्ज़े को समाप्त कर अपना एक बड़ा चुनावी वादा पूरा किया था। अब 5 अगस्त को राममंदिर शिलान्यास के लिए वही तारीख चुनना महज एक संजोग नहीं हो सकता। जनसाधारण के लिए एक विशेष तारीख ऐतिहासिक महत्व की हो सकती है किन्तु ज्योतिषशास्त्र, जो की ग्रहों के गणना पर आधारित है, में लग्न-महूर्त का महत्त्व है।

5 अगस्त के राममंदिर शिलान्यास मुहूर्त को देखें तो वहां चंद्रमा कुंभ राशि में दो बड़े पाप ग्रहों मंगल और शनि के बीच में फंस गया है l मकर राशि में गोचर कर रहे शनि चन्द्रमा से बाहरवें भाव में हैं तो वहीं मंगल चंद्रमा से दूसरे घर में होकर उसे घेरे हुए है। चंद्रमा को मुहूर्त के ग्रंथों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है उसका इस प्रकार पाप ग्रहों के मध्य में होना एक अशुभ योग माना गया है। 5 अगस्त को बुधवार का दिन है जो कि शुभ है लेकिन तिथि कृष्ण पक्ष की द्वितीय है जो कि साधारण है।

सामान्यता मंदिर के शिलान्यास और अन्य शुभ धार्मिक कार्यों के आरंभ के लिए शुक्ल पक्ष को शुभ माना जाता है लेकिन यह शिलान्यास कृष्ण पक्ष में होगा जो इसके शुभ प्रभाव को कम कर रहा है। 5 अगस्त को 12 बजकर 5 मिनट पर अभिजीत महूर्त है जो कि दोषों को नष्ट करने वाला माना जाता है लेकिन मुहूर्त के समय लग्न तुला है जो कि चर राशि का है। महूर्त के ग्रंथों के अनुसार, स्थिर लग्न या द्विस्वभाव लग्न शिलान्यास के लिए लिया जाना चाहिए। मुहूर्त कुंडली में लग्नेश शुक्र का राहु के साथ नजदीकी अंशों में युति कर विवाद स्थान यानी छठे भाव में बैठे मंगल और छठे भाव के स्वामी गुरु से दृष्ट होना एक बड़ा दोष निर्मित करता है।

पीएम मोदी का जन्मकालीन चन्द्रमा वृश्चिक में है जिससे चौथे स्थान में कुंभ राशि में चंद्रमा शिलान्यास मुहूर्त के समय होगा, जो कि ज्योतिष के नियमों के अनुसार शुभ नहीं है। ऐसे में इस मुहूर्त को चुनने से राममंदिर के निर्माण कार्य में देरी हो सकती है साथ ही प्रधानमंत्री को कई विवादों में भी उलझना पड़ सकता है।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.