103 रुपये की Glenmark की FabiFlu से होगा कोरोना पर वार
कोरोना वायरस के इलाज की खातिर पहली दवा भारतीय बाजार में आ गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को कोविड-19 के लिए ऐंटीवायरल दवा फेविपिराविर बनाने और मार्केटिंग की परमिशन दी जा चुकी है। कंपनी फैबिफ्लू के नाम से यह दवा बनाती है।
34 टैबलेट की एक पूरी स्ट्रिप 3,500 रुपये में उपलब्ध होगी यानी एक टैबलेट करीब 103 रुपये की पड़ेगी। FabiFlu दवा को माइल्ड से मॉडरेट सिम्प्टम्स वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जाएगा। यह ड्रग अस्पतालों और प्रिस्क्रिप्शन पर मेडिकल स्टोर्स में मिलेगा। आइए जानते हैं कि ये असर कैसे करता है।
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मुंबई की कंपनी ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने कोविड-19 से मामूली रूप से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एक दवा बनाई है। यह एक तरह की एंटीवायरल दवा है। इस एंटीवायरस दवा फेवि पिराविर को फैबि फ्लू ब्रांड नाम से पेश किया है।
ग्लेनमार्क ने माइल्ड लक्षणों वाले 90 और मॉडरेट लक्षणों वाले 60 मरीजों पर दवा का क्लिनिकल ट्रायल किया था। यह दवा मरीज की कोशिकाओं में घुसती है और वायरल लोड को कम करने के लिए वायरस को अपनी कॉपी बनाने से रोकती है। यानी संक्रमण के शुरुआती स्टेज में शरीर में वायरस को फैलने से रोकने में यह दवा असरदार है।
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रिसर्चर्स के मुताबिक, FabiFlu का इस्तेमाल इन्फेक्शन की शुरुआती स्टेज में किया जाना चाहिए। बाद की स्टेज में वायरस रेप्लिकेशन (अपनी कॉपी बनाने की दर) धीमा पड़ जाता है। बॉडी का हिंसक इम्यून रेस्पांस कई तरह की दिक्कतों को जन्म देता है और ऑर्गन फेल्योर हो जाता है।
कंपनी के मुताबिक, मरीज को पहले दिन 200mg की 9 टैबलेट्स दी जाएं। अगले दिन से 200mg की 4-4 टैबलेट्स खिलाकर मॉनिटर किया जाए। क्लिनिकल ट्रायल के रिजल्ट्स बताते हैं कि 80 पर्सेंट मरीजों पर इस दवा का असर दिखा।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इस दवा को महामारी के चलते इमर्जेंसी कैटेगरी में मंजूरी दी है। ऐसे में मरीजों को दवा लेने से पहले एक अंडरटेकिंग देनी होगी। ग्लेनमार्क पहली ऐसी कंपनी है तो माइल्ड और मॉडरेट कोविड-19 मरीजों के लिए ओरल ऐंटीवायरल ड्रग लेकर आई है।