मणिपुर: संकट में बीजेपी सरकार, कांग्रेस पेश करेगी दावा
मणिपुर (Manipur News) में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार पर मंडराते संकट के बीच कांग्रेस राज्य में नई सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
बता दें कि बीजेपी के 3 और गठबंधन के डेप्युटी सीएम समेत 6 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद मणिपुर सरकार खतरे में है ।
कांग्रेस ने घोषणा की है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह नए नेता होंगे। कांग्रेस प्रवक्ता निंगोंबम भूपेंद्र मेइतेइ ने कहा कि मणिपुर में नए सूरज का उदय होगा और उन्हें पूरा भरोसा है कि तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह नए मुख्यमंत्री होंगे।
बीजेपी पर बरसते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का गिरना भगवा पार्टी के पतन का प्रतीक है। कई नेताओं के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी और यह जनता की सरकार होगी।
इन विधायकों ने दिया इस्तीफा
बता दें कि बीजेपी विधायक एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेनदई के अलावा टीएमसी विधायक टी रॉबिंद्रो सिंह, नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक वाइ जॉयकुमार सिंह (डेप्युटी सीएम), एन कायसी, एल जयंता कुमार सिंह, लेतपाओ हाओकिप और निर्दलीय विधायक असबउद्दीन ने गठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस को समर्थन दिया। तीन बीजेपी विधायकों ने आधिकारिक रूप से कांग्रेस जॉइन कर ली है।
कहता है विधानसभा का गणित
2017 विधानसभा चुनाव में 28 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी जबकि बीजेपी ने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी। एनपीपी और नगा पीपल्स फ्रंट के 4 विधायक भी चुनाव में जीते थे। वहीं दूसरी ओर एलजेपी, टीएमसी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने एक-एक सीट जीती थी। सभी गैर कांग्रेसी और एक कांग्रेस विधायक टी श्यामकुमार के बीजेपी को समर्थन देने के साथ ही गवर्नर नजमा हेमतुल्ला ने बीजेपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद 7 और कांग्रेस विधायक- सनासम बीरा सिंह, गिंनसुआनहउ, ओइनाम लुखोई सिंह, गामथांग हाओकिप, सुरचंद्र सिंह, क्षेत्रीमयूम बीरा सिंह और पाओनम ब्रोजन सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए। इससे बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की संख्या 40 हो गई है। वहीं कांग्रेस ने अपने 8 पूर्व विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर की जो कि विधानसभा स्पीकर के पास लंबित है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बदली स्थिति
हालांकि टी श्यामकुमार के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थिति बदल गई। 28 मार्च 2020 में विधानसभा स्पीकर ने उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया। वहीं 8 जून को मणिपुर हाई कोर्ट ने 7 कांग्रेस विधायकों को राज्य विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया जब तक कि स्पीकर उनके खिलाफ याचिका पर फैसला न दे दे।
0अगर होता है फ्लोर टेस्ट
मणिपुर में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो 11 विधायक ( हाई कोर्ट से रोके गए 7 विधायक, इस्तीफा दे चुके 3 विधायक और अयोग्य विधायक श्यामकुमार) वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। इस स्थिति में 49 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाला गठबंधन सिर्फ 22 वोट ही सिक्योर कर पाएगा जबकि कांग्रेस गठबंधन के खाते में 26 वोट आ सकते हैं।