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ज्योतिष की उपाय शाखा में अपनी कुंडली के ग्रहों को साधने और ग्रहों से सकारात्मक परिणाम के लिए बताए उपायों में से दान भी शामिल है। उपाय के रूप में दान किसी ग्रह से मिल रहे नकारात्मक परिणाम को कम करने के लिए किया जाता है और कुछ विशेष परिस्थितियों में ही ज्योतिषाचार्य ग्रह के लिए दान करने की सलाह देते हैं।

यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि जब आप धर्म और परोपकार की दृष्टि से सहायतार्थ दान करते हैं तो उसमें कोई नियम या दिन विशेष का बंधन नहीं होता, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टि से किसी ग्रह के लिए कराया गया दान निश्चित दिन और मात्रा के नियम में होता है।

आपके जीवन पर ग्रहों के प्रभाव और ...

ज्योतिषीय उपाय के तौर पर कराया गया दान भी परोपकार और सहायता की दृष्टि से ही होता है। जब किसी जरुरतमंद व्यक्ति को आप कोई वस्तु देते हैं तो उसके मन से जो शुभ आशीष आपके लिए निकलते हैं उनसे संबंधित ग्रह की प्रसनत्ता आपको प्राप्त होती है और इस ग्रह से मिल रही पीड़ा कम हो जाती है। दान देते समय आपकी भावना और श्रद्धा जितनी शुद्ध होगी उसके परिणाम भी उतने ही अच्‍छे आएंगे। 

ग्रहों का दान कब- किसी भी ग्रह के लिए विशेष रूप से दान तभी कराया जाता है जब कुंडली में चल रही किसी ग्रह की दशा आपको बुरे परिणाम देखर संघर्ष बढ़ा रही हो, या फिर वर्तमान गोचर में कोई ग्रह आपके लिए नकारात्मक हो। जैसे मारकेश ग्रहों की दशा, कुंडली के अकारक ग्रहों की दशा, पीड़ित ग्रहों की दशा। जब जीवन में बाधाएं बढ़ती हैं या साढ़ेसाती, ढैय्या और वर्तमान नकारात्मक गोचर ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए भी उस समय में विशेष ग्रह का दान किया जाता है। 

जानिए ग्रह के अनुसार दान
सूर्य-: गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन।
चन्द्रमा-: दूध, चावल, सफ़ेद वस्त्र।
मंगल-: साबुत लाल मसूर, गुड़, लाल वस्त्र, ताम्बे के बर्तन।
बुध-:साबुत मूंग, हरी सब्जियां, कांसे के बर्तन।
बृहस्पति-:चने की दाल, बेसन के लड्डू, पीले वस्त्र, गाय का घी।
शुक्र-:चावल, सफ़ेद मिठाई, सफ़ेद वस्त्र।
शनि-: साबुत उड़द, सरसों का तेल, लोहे का सामान।
राहु-:सतनाजा, साबुत उड़द, नारियल, साबुत बादाम।
केतु-:कम्बल, साबुत उड़द और चावल का मिश्रण, सतनाजा।

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