लू से ऐसे करें बचाव के उपाय
देश के कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के स्तर को पार कर गया है। खासतौर पर उत्तर भारत के कई इलाकों में तापमान काफी बढ़ गया है। मौसम विभाग ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान के लिए अगले दो दिनों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में लू के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन परिस्थितियों में जानते हैं कि कब लू की स्थिति पैदा होती है और लू लगने पर क्या उपाय किये जाने चाहिए।
लू की स्थिति उस वक्त पैदा होती है जब अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। यह सामान्य तापमान से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है। मैदानी इलाकों में जब वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री पहुंच जाता है तो लू के हालात पैदा होते हैं और अगर ये तापमान 47 डिग्री सेल्सियस जा पहुंचता है तो स्थिति गंभीर हो जाती है।
लू के लक्षण : लू लगने पर उल्टी आना, सिरदर्द, शरीर का टूटना, बुखार आना, बेहोशी की स्थिति आना, मुंह सूखना और कमजोरी लग सकती है। खूब पसीना आना अथवा पसीना आना बंद हो जाना।
लू लगने पर ये करें उपाय : मरीज को पानी पिलाएं और शरीर पर ठंडा कपड़ा रखें, जिससे शरीर का तापमान कम हो जाए। नमक और चीनी मिला पानी पिलाते रहें। कपड़ों को ढीला कर दें। छायादार स्थान पर मरीज को बिठाएं। स्थिति ज्यादा खराब हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
लू से ऐसे बचें
- छाते का इस्तेमाल करें और सिर पर कपड़ा रखें।
- खाली पेट न रहें और न ही ज्यादा देर तक भूखे रहें।
- घर से बाहर निकलने से बचें। सूती कपड़ों का इस्तेमाल करें।
- शरीर को ठंडा रखने का प्रयास करें। पसीने में ठंडा पानी न पीएं।
- घर से पर्याप्त पानी या कोई ठंडा पेय पदार्थ जैसे आम पना, शिकंजी आदि पीकर निकलें।
- आवश्यक हो तो पूरे कपड़े और ढीले कपड़े पहनकर निकलें। नंगे पैर और नंगे शरीर बाहर न जाएं।
शरीर में ये होता है लू का प्रभाव : किसी व्यक्ति को जब लू लग जाती है तो मसल्स में खिंचाव होने लगता है और शरीर में गर्मी के साथ ही खुश्की और थकावट का अनुभव होता है। प्यास भी काफी बढ़ जाती है। गंभीर स्थिति में शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है। लीवर और किडनी में सोडियम पोटेशियम का स्तर बिगड़ सकता है। लो बीपी की समस्या के साथ ही ब्रेन या फिर हार्ट स्ट्रोक भी हो सकता है।