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रेलवे अगले 10 दिनों में चलाएगी 2600 स्पेशल ट्रेन
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कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने में रेलवे ने अहम भूमिका निभाई है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि पिछले चार दिनों में औसतन 260 ‘श्रमिक विशेष ट्रेनें’ प्रतिदिन चलाई गई और रोजाना तीन लाख यात्रियों को गंतव्य स्थल पर पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि अब तक करीब 2600 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें विभिन्न राज्यों में चलाई गईं और 26 लाख से ज्यादा यात्रियों को उनके घर पहुंचाया गया है। इनमें से 80 फीसदी ट्रेनें यूपी और बिहार के लिए चली हैं।

विनोद यादव ने कहा कि 1 मई को श्रमिक स्पेशल ट्रेनें शुरू की गईं। सभी यात्रियों को मुफ्त भोजन और पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। ट्रेनों और स्टेशनों में स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पालन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे के 17 अस्पतालों को कोविड-19 मरीज देखभाल अस्पताल में तब्दील किया गया है। एक मई से 2,600 श्रमिक विशेष ट्रेनों ने अपनी यात्रा पूरी की है और 35 लाख से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।

अगले 10 दिनों में चलेंगी 2600 ट्रेनें

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि अगले 10 दिनों में 2,600 ट्रेनों के शेड्यूल तय किए गए हैं। इनमें स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से 36 लाख प्रवासी यात्रा करेंगे। रेलवे ने राज्यों को अपनी जरूरतें बताने को कहा है। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति की बहाली की दिशा में रेलवे मंत्रालय की तरफ से 1 जून से 200 मेल एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। विनोद यादव ने कहा, “हमने 5 हजार कोच को कविड-19 केयर सेंटर्स के तौर पर तब्दील किया, जिनमें 80 हजार बेड थे। इनमें से करीब 50 प्रतिशत कोच का इस्तेमाल श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए किया है। अगर जरूरत पड़ी तो उसे फिर से कोविड-19 केयर के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।”

गृह मंत्रालय ने कहा, प्रवासी मजदूरों के लिए उठाए कई कदम

गृह मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्ताव ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से कई कदम उठाए गए हैं। राज्यों को इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। 24 घंटे हेल्पलाइन और नॉडल ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं। राज्यों को प्रवासी मजदूरों को जानकारी देने को कहा गया है। इसके साथ ही, सभी जरूरी चीजों के इंतजाम कर रहे हैं और राज्यों को इंतजाम के निर्देश दिए गए हैं। इस समय रेल प्रतिदिन 200 से ज्यादा चल रही हैं।

रेलवे की तरफ से पहले से ही देशभर में कोरोना लॉकडाउन के चलते फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं और 15 जोड़ी स्पेशल पैसेंजर्स ट्रेनें दिल्ली से 15 अलग जगहों के लिए चल रही हैं। हालांकि, रेल मंत्रालय ने यह भी घोषणा की है कि वे 1 जून से करीब 200 ट्रेन शुरू करने जा रहे हैं, जिसकी बुकिंग 21 मई से शुरू कर दी गई। 

रेलवे की तरफ से की गई कई घोषणाएं

इससे पहले, रेलवे ने टिकट को आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अलावा टिकट काउंटरों बुक करने की सुविधा दे दी। पहले केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही बुकिंग की सुविधा दी गई गई थी। इन ट्रेनों की टिकट की बुकिंग अब कम्प्यूटराइज्ड पीआरएस केन्द्रों, डाकघरों, यात्री टिकट सुविधा केन्द्रों के साथ-साथ आईआरसीटीसी के मान्यता प्राप्त एजेंटों और सामान्य सेवा केन्द्रों से भी कराई जा सकती है। भारतीय रेल ने कहा है, इन ट्रेनों में अग्रिम सीटें आरक्षित कराने की अवधि सात दिन से बढ़ाकर 30 दिन कर दी गई है।

22 मई से चुनिंदा स्टेशनों पर टिकट आरक्षण काउंटर खोल दिया गया है। ये बुकिंग काउंटर और सीएससी 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से बंद थे। रेल मंत्री पीयूष गोयल की घोषणा के बाद पूरे देश में लगभग 1.7 लाख सीएससी सेंटरों पर ट्रेन टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से शुरू हो गई।

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