लुक टेस्ट के बाद फाइनल हुआ ‘विदुर’ का किरदार, ‘नवीन जिंगर’ ने सुनाए रोचक किस्से
चारु खरे
महाकाव्य ‘महाभारत’ का सफर काफी अनोखा और रोचक है। इसमें हर किरदार पर एक ग्रन्थ लिखा जा सकता है। इन्हीं किरदार में से एक हैं धर्मराज के अंश ‘विदुर’। जी हाँ विदुर हस्तिनापुर के प्रधानमंत्री के तौर पर भी प्रख्यात थे। स्वास्तिक प्रोडक्शन की महाभारत में नवीन जिंगर ने विदुर का रोल निभाया है और उन्होंने अपनी दमदार एक्टिंग से कइयों का दिल जीत लिया है। ऐसे में हमने नवीन जिंगर से उनके महाभारत के सफर के बारे में कुछ खास बातचीत की….पेश है उनसे बातचीत के कुछ मुख्य अंश…
सवाल : विदुर का रोल और कैसे मिला, किरदार को निभाने में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा ?
नवीन : साल 2012 की बात है। मैं मुंबई आया था। दो तीन महीने इधर-उधर ऑडिशन दिए। फिर मार्च में पता चला कि स्वास्तिक प्रोडक्शन बड़े लेवल पर महाभारत को बनाना चाह रहा है। तो पहले मुझे शकुनि की स्क्रिप्ट मिली। इसके बाद फिर कॉल आई तो मुझे द्रोणाचार्य की स्क्रिप्ट मिली, जो मेरा अच्छा नहीं हुआ। इसके बाद तीसरी बार कॉल आई और मुझे विदुर के किरदार के लिए लुक टेस्ट देना था।
इसमें आपको फॉर्मल ड्रेस, हलके मेकअप के साथ प्रॉपर ऑडिशन देना होता है। तो तीन चार पन्ने की स्क्रिप्ट मिली फिर मैंने इसकी गंभीरता को समझा और अपना रोल निभाया। इसके बाद दो तीन बाद कॉल आया और मुझे पता चला कि मैं इस किरदार के लिए चुन लिया गया है।
सवाल : आप विदुर के अलावा किस किरदार को निभाना चाहते थे ?
नवीन : मैं शकुनि या कृष्णा का किरदार करना चाहता था। क्योंकि मेरा व्यक्तित्व बिलकुल भी महात्मा विदुर से नहीं मिलता था और शकुनि के किरदार में काफी रंग है। परनीत भट्ट ने शकुनि का काफी अच्छा रोल प्ले किया है। हालांकि, यह किरदार करने के बाद मुझे काफी अच्छा लगा। लोगों से काफी प्यार मिला।
सवाल : विदुर की किस बात को फॉलो करते हैं आप ?
नवीन : मैं विदुर के साफ़ और स्पष्ट तरीके से अपनी बात रखने के तरीके को फॉलो करता हूं। इसके अलावा वो जो बोलते थे उसपर कायम रहते थे, तो मैं भी ऐसा ही हूँ। यह बदलाव इस किरदार को करने के बाद ही मुझमें आया।
सवाल : महाभारत का कोई ऐसा किस्सा जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे ?
नवीन : जी ! किस्से तो बहुत हैं. लेकिन एक ऐसा किस्सा है जिसे मैं नहीं भूल पाऊंगा। मैं और अनूप सिंह (धृतराष्ट्र) दोनों को सेलेक्ट कर लिया गया था। महाभारत शुरू होने से पहले हम दोनों शूटिंग के लिए मुंबई के किसी बंगले में गए थे और बहुत घबराए हुए थे। क्योंकि हम दोनों नए-नए कलाकार थे तो घबराहट की वजह से न मैंने न अनूप ने दोनों ने वो शूट सही से नहीं किया। उसे मैं कभी भी याद करता हूँ तो थोड़ा डर जाता हूँ। क्योंकि अगर हम लोग उस दिन वो सीन सही से शूट न कर पाते तो शायद इतने बड़े माइथो शो का हिस्सा न होते।
सवाल : पूरी महाभारत का आपके ऊपर क्या असर पड़ा ? क्या फिर माइथो शो करेंगे ?
नवीन : जी हां ! मेरा बस चले तो मैं ताउम्र माइथो शो करता रहूँगा। महाभारत का मेरी लाइफ पर काफी सकरात्मक असर पड़ा। मैं काफी शांत स्वभाव का हो गया. और बहुत कुछ चीजें मेरी लाइफ में बदल गई।
सवाल : लॉकडाउन का आपकी लाइफ पर क्या असर पड़ रहा है ?
नवीन : भगवान की कृपा है कि लॉकडाउन का मेरे व्यक्तिगत जीवन पर कोई खास फर्क नहीं पड़ा है। मैं मुंबई से निकल आया था और अभी मेरे पास कोई ऐसा प्रोजेक्ट नहीं है जो पेंडिंग में है। मैं लॉकडाउन की पॉजिटिव चीजें शेयर करूँगा। लोग परेशान तो हैं। लेकिन जिस तरह से जिंदगी में भागदौड़ रुक नहीं रही थी। लोग भागे जा रहे थे। भारत को अमेरिका जापान बनाने की तैयारी कर रहे थे। तो भारत को भारत ही रहन देना चाहिए। लोगों को सात्विक रहना चाहिए। पौष्टिक आहार लें और परिवार के सदस्यों के साथ अच्छा समय बिताएं।
(चारु खरे के साथ नवीन जिंगर की फोन पर हुई बातचीत के आधार पर )