क्यों अर्पित रंका को ‘दुर्योधन’ का किरदार ही था पसंद, फैंस को दिया ये जरुरी संदेश
चारु खरे
महाकाव्य ‘महाभारत’ में नेगेटिव किरदारों की बात करें तो मामा शकुनि और भांजे दुर्योधन की छवि सबसे पहले हमारे सामने आती है. लेकिन बात ये भी सच है कि ऐसे नकरात्मक किरदारों को निभाना खुद में काबिले-ए-तारीफ है. आइये जानते हैं ऐसे किरदार को निभाने में
दुर्योधन यानी की अर्पित रंका को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा और उनका ‘महाभारत’ का सफर कैसा रहा…पेश है उनसे बातचीत के कुछ मुख्य अंश…
सवाल – हीरो से ज्यादा मुश्किल होता है विलेन का किरदार निभाना, क्या आपको ‘दुर्योधन’ का किरदार निभाने में कोई दिक्कत हुई ?
जवाब – ‘नेगेटिव’ का किरदार करना मुश्किल होता है. क्योंकि वो आपकी छवि से उल्टा होता है. बावजूद इसके मैंने उसमें पॉजिटिव और
नेगेटिव दोनों पहलुओं को देखकर इस रोल को प्ले किया. मुझे कल ही सोशल मीडिया पर एक कमेंट मिला, जिसमें लिखा हुआ था – (हँसते
हुए) “दुर्योधन के किरदार के लिए आप फिट हैं…आप सचमुच पापी, कपटी दिखते हैं. लेकिन जब मैंने आपका रियल फेस देखा तो वो काफी पॉजिटिव था भला मानुष था.”
सवाल – दुर्योधन के अलावा कौन सा किरदार निभाना आप पसंद करते ?
जवाब – मैं दुर्योधन का किरदार ही निभाना चाहूंगा. मुझे यही किरदार पसंद था. शकुनि दिमाग का विलेन है और दुर्योधन बलशाली है.
वह मुख्य विलेन है क्योंकि बाकी सब हीरो है. तो मुझे ये किरदार निभाने में मजा आया.
सवाल – कोई ऐसा सीन, जिसने आपको काफी प्रभावित किया ?
जवाब – द्रौपदी के चीरहरण के सीन ने मुझे काफी प्रभावित किया मैं काफी दुखी हो गया था. मुझे लगा ये अगर उस समय भी हुआ तो
नहीं होना चाहिए था. इसके अलावा जब मुझे पता चला कि ‘कर्ण’ कुंती पुत्र है. और उसको ये बात पता थी तब भी उसने मित्रता निभाने के
लिए मेरा साथ नहीं छोड़ा और वीरगति को प्राप्त हुआ. तो मुझे काफी दुःख हुआ.
सवाल – महाभारत में अक्सर आपको द्युत क्रीड़ा खेलते देखा गया, असल जिंदगी में कौन सा खेल पसंद है ?
जवाब – मुझे असल जिंदगी में क्रिकेट खेलना पसंद है. लेकिन लॉकडाउन के चलते अभी मैं अपने परिवार के साथ लूडो खेलता हूँ. और बस ऐसे ही समय बीत रहा है .
सवाल – कोई ऐसा संदेश, जो आप अपने फैंस को देना चाहेंगे ?
जवाब – मैं बहुत खुश हूँ कि लोग मुझे इतना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. आज सात साल बाद भी लोगों का प्यार वैसे का वैसे बरकरार है.
लोग मुझे मैसेज करते हैं कहते हैं कि हम पांच बार महाभारत देख चुके हैं फिर भी बोर नहीं हुए तो अच्छा लगता है. बाकी लॉकडाउन से
परेशान न हो, इस परिस्थति का सामना करें जल्द ही सब ठीक हो जाएगा.
(चारु खरे के साथ अर्पित रंका की फोन पर हुई बातचीत के आधार पर )