कोरोना के कम्यूनिटी ट्रांसमिशन से कैसे बचें
कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में दहशत का माहौल है। ऐसे में भारत में इस वायरस का तेजी से पांव पसार रहा है। भारत में कोरोना वायरस का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है और इससे संक्रमित लोगों की संख्या 172 पार कर गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से एक तरह से देश की रफ्तार पर ब्रेक सी लग गई है। भारत में अभी तक तीन मौतें हुई हैं।
चर्चा है कि भारत में कोरोन वायरस का असर अभी दूसरे स्टेज में हैं और जल्द ही तीसरे स्टेज में पहुंच जाएगा, जो कि बहुत भयावह होगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है भारत में दो से तीन हफ्ते पहले कम्यूनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसारण) शुरू हो चुका है। डिजीज डायनेमिक्स एकोनामिक एंड पॉलिसी सेंटर के निदेशक लक्ष्मीनारायणन ने कहा कि देश की जनसंख्या के अनुसार हमने कोई जांच नहीं की है।
सामुदायिक प्रसारण तब होता है जब बिना किसी यात्रा इतिहास वाला व्यक्ति COVID-19 के संक्रमण की चपेट में पाया जाता है। इसका मतलब है कि कई ऐसे लोग भी संक्रमण फैला रहे हैं जिनकी जांच नहीं हुई है। इसका पता लगाना मुश्किल है। डब्लूएचओ के अनुसार भारत को जांच की स्ट्रेटजी फिर से बनाने की जरूरत है।
डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल ने कहा कि खराब स्थिति तेजी से विकसित हो रही है। हमें लोगों के साथ जुड़ने के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है; खोजें, अलग करें, अधिक मामलों का परीक्षण करें और हर संपर्क को ट्रेस करें; हमारे अस्पतालों को तैयार करें और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुरक्षा और प्रशिक्षण दें।