Breaking news
बुलेटप्रूफ जर्मन लकड़ी का है रामलला का अस्थाई मंदिर
Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

रामजन्मभूमि के परिसर में विराजमान रामलला के स्थान परिवर्तन के लिए तैयार किए गए अस्थाई मंदिर के ढांचे का तिलिस्म रविवार को टूट गया। अब तक इस मेक शिफ्ट स्ट्रक्चर को फाइबर का बताया जा रहा था जबकि यह वास्तव में जर्मन लकड़ी का है, जो कि फाइबर की ही तरह से दिखता है।

इसका खुलासा रामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ‘हिन्दुस्तान’ से दूरभाष पर किया। बताया गया कि इस स्ट्रक्चर का निर्माण सुरक्षा की दृष्टि से गृह विभाग की ओर से कराया गया है।

यह स्ट्रक्चर पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है। इस स्ट्रक्चर के सामने से शटरयुक्त बूलेटप्रूफ शीशा लगाया जाएगा। इसकी छत 24 फिट ऊंची और प्लेटफॉर्म 24 गुणा 17 फिट का बनाया गया है। इस स्ट्रक्चर को खड़ा करने के लिए प्लेटफॉर्म के तीन तरफ से लोहे की जाली लगाई गई है।

स्ट्रक्चर को एसेम्बल करने के साथ भूमिगत इलेक्ट्रीफिकेशन भी कराया जा रहा है, इसी में एयरकंडीशनर भी लगाया जाएगा। इसके साथ ही दर्शनार्थियों के लिए बनाए जा रहे गैंग-वे में भी लोहे की जालियां लगाई जा रही हैं और फर्श पर टाइल्स लगाई जाएगी।

फिलहाल स्ट्रक्चर की एसेम्बलिंग की पूरी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह के ओएसडी अशोककुमार सिंह की देखरेख में पूरी की जा रही है।

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय एवं दूसरे ट्रस्टी व संघ के अवध प्रांत कार्यवाह डॉ. अनिल मिश्र बंगलुरु से वापस लौट आए हैं। ट्रस्ट के दोनों पदाधिकारी बंगलुरु स्थित चेतनहल्ली नामक स्थान पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की तीन दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने गए थे लेकिन कोरोना के आतंक के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया।

तीन दिवसीय इस बैठक में रामजन्मभूमि का मुख्य विषय शामिल था। श्रीराय फिलहाल दिल्ली में ही रुक गए हैं और वह यहां 19 मार्च को लौटेंगे जबकि डॉ. मिश्र अयोध्या पहुंच गए हैं।

रामलला का स्थान परिवर्तन करने से पहले 20 मार्च से एकादश वैदिक आचार्य भूमि पूजन के साथ प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरम्भ करेंगे। इसके साथ ही विराजमान रामलला के गर्भगृह में भी अलग से अनुष्ठान शुरू होगा।

रामजन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि देवता का स्थान परिवर्तन होना है, तो पहले उनका आदेश भी लेना होगा। इसके लिए उन्हें नए स्थान पर पधारने का आमन्त्रण देने और उन्हें मनाने के लिए अतिरिक्त अनुष्ठान भी जरुरी है।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.