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अल-अक्सा मस्जिद भी है इजरायल और फलीस्तीन में जंग की एक वजह, जानें- क्यों है यह अहम
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दुनिया भर में इन दिनों कोरोना के अलावा किसी और चीज की चर्चा है तो वह है, इजरायल और फलीस्तीन के बीच छिड़ा संघर्ष। इस हिंसा में अब तक करीब 50 लोगों की मौत हो चुकी है। एक तरफ फलीस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास की ओर से इजरायल पर रॉकेट हमले किए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ इजरायल ने भी एयरस्ट्राइक कर गजा पट्टी में इमारतों को निशाना बनाया है।

इजरायल का दावा है कि उसके हमले में अब 43 लोगों की मौत हुई है और इनमें कई हमास के सीनियर कमांडर भी हैं। इजरायल और फलीस्तीन के बीच छिड़ा ताजा संघर्ष येरुशलम में स्थित अल अक्सा मस्जिद के चलते है। आइए जानते हैं, क्या है अल अक्सा मस्जिद से जुड़ा विवाद…

क्यों अहम है अल-अक्सा मस्जिद?
इस्लाम के अनुयायियों के लिए अल-अक्सा मस्जिद एक पवित्र स्थान है। यह मस्जिद 35 एकड़ में बनी है और मुस्लिम इसे हराम अल-शरीफ के नाम से जानते हैं। इस स्थान पर यहूदियों टेंपल माउंट भी स्थित है। अल अक्सा मस्जिद येरूशलम के पुराने शहर में स्थित है, जिसे मुस्लिम, ईसाई और यहूदी तीनों ही धर्मों के लोग पवित्र मानते हैं।

इस्लामिक परंपरा के मुताबिक 620 ईसवी में पैगम्बर मोहम्मद ने इस्रा और मिराज का अनुभव किया था। इस्लामी मान्यताओं के मुताबिक पैगंबर ने एक ही रात में मक्का से लेकर अक्सा तक का सफर तय किया था। अरबी में अक्सा का अर्थ बहुत दूर से होता है। यहां हर साल हजारों की संख्या में मुस्लिम इबादत के लिए पहुंचते हैं।

यहूदियों के लिए क्यों पवित्र है यह स्थान
यहूदी इस स्थान को टेम्पल माउंट के नाम से पुकारते हैं। दरअसल यहां प्राचीन काल में बने दो मंदिर स्थित हैं। बाइबल के मुताबिक पहले मंदिर को किंग सुलेमान ने बनवाया था और उसे बेबीलोन्स ने तबाह कर दिया था। इसके बाद दूसरा मंदिर बनावाया गया था, जिसे रोमन साम्राज्य ने पहली सदी में तबाह कर दिया था। यूनेस्को ने ओल्ड सिटी ऑफ येरूशलम को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया है।

अल अक्सा मस्जिद पर है किसका नियंत्रण?
इजरायल ने पुराने शहर समेत पूर्वी येरूशलम पर 1967 में अरब देशों से छिड़े संघर्ष के दौरान कब्जा जमा लिया था। इसके बाद ही इजरायल ने पूरे येरूशलम को अपनी राजधानी घोषित किया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे मंजूरी नहीं मिल सकी थी।

पुराने येरूशलम में ही अल अक्सा मस्जिद है, इसलिए उस पर एक तरह से इजरायल का ही नियंत्रण है, लेकिन आपसी सहमति से इसका प्रशासन वक्फ के पास है। जिसकी फंडिंग और कंट्रोलिंग जॉर्डन करता है। इस संबंध में 1994 में एक समझौता भी जॉर्डन के साथ इजरायल ने किया था।

अब क्यों छिड़ गया है विवाद
दरअसल पिछले कुछ दिनों में यहूदियों और फलीस्तीनियों के बीच अल-अक्सा मस्जिद के निकट विवाद हुआ था। आरोप है कि कई फलीस्तिनियों ने यहूदियों पर हमला कर दिया था। इसके बाद एक यहूदी ग्रुप ने अरब मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए एक मार्च निकाला था। इसके अलावा मस्जिद में रमजान के मौके पर न घुसने देने का आरोप लगाते हुए फलीस्तिनियों ने भी अपना गुस्सा जाहिर किया था। अल अक्सा मस्जिद के अलावा शेख जर्राह से से फलीस्तीनियों को हटाए जाने के चलते भी विवाद छिड़ गया है।

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