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क्या सिंधिया समर्थकों को शिवराज कैबिनेट में मिलेगी जगह
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मध्य प्रदेश उपचुनाव के करीब 53 दिन बाद शिवराज सरकार का तीसरा कैबिनेट विस्तार आज होने जा रहा है। तमाम राजनीतिक चर्चाओं के बीच राज्यपाल आनंदी बेन पटेल दो से तीन मंत्रियों को शपथ दिला सकती हैं। यह शपथ ग्रहण समारोह सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न होगा। 

माना जा रहा है कि राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसीराम सिलावट को एक बार फिर से कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रविवार सुबह 10 बजे लखनऊ से रवाना होंगी और 11.40 बजे भोपाल पहुंचेंगी। शिवराज सरकार के कैबिनेट विस्तार का शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में दोपहर 12.30 बजे संपन्न होगा। सूत्रों के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह में 2 या 3 मंत्री ही शपथ ले सकते हैं। हालांकि अभी नामों को सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इनमें सबसे आगे गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट का नाम है।

राज्यपाल पहले मंत्रियों को शपथ दिलाएंगी। इसके बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। कैबिनेट विस्तार को लेकर दो दिन तक अटकलों का दौर भी जारी रहा।

शुक्रवार को राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार रविवार को पहले को 12:30 बजे मंत्रियों की शपथ और 3 बजे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की शपथ का समय संभावित बताया गया। इस कैबिनेट के विस्तार के बाद राज्यपाल वाराणसी के लिए रवाना हो जाएंगी।

शपथ ग्रहण बेहद सादगी भरा होगा. इसमें मुख्यमंत्री शिवराज और मंत्री तो शामिल रहेंगे, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया का अभी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम जारी नहीं हुआ है। इससे पहले हुए दोनों शपथ ग्रहण समारोहों में ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद रहे थे। 

बता दें पिछले साल मार्च में सरकार गठन के बाद सबसे पहले 5 मंत्रियों ने शपथ ली थी। फिर 2 जुलाई को 28 मंत्रियों ने शपथ ली। इस तरह से राज्य में कुल 33 मंत्री हो गए थे। एमपी कैबिनेट में मुख्यमंत्रियों समेत मंत्रियों की संख्या अधिकतर 34 हो सकती है।

सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को शिवराज सरकार की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था, जिनमें से दो मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने छह महीने का कार्यकाल पूरा होने के चलते उपचुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था।

इसके अलावा उपचुनाव में तीन मंत्रियों की हार हुई थी, जिसके चलते महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी, कृषि राज्यमंत्री रहे गिर्राज डंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना को इस्तीफा देना पड़ा था। इन तीनों मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। 

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