‘एथलीट’ बनना चाहते थे ‘सौरव गुर्जर’, जानें कैसे मिला ‘महाभारत’ में ‘भीम’ का रोल
चारु खरे
स्टार प्लस का चर्चित धार्मिक शो ‘महाभारत’ रि-टेलीकास्ट किया जा रहा है. ऐसे में एक बार फिर महाभारत के सभी फैंस काफी उत्सुक नजर आ रहे हैं. शो के सबसे पसंदीदा और मनोरंजक किरदारों की बात करें तो ‘भीम’ का किरदार आज भी हमारे ज़हन में है और इसका सारा श्रेय ‘सौरव गुर्जर’ को जाता है जिन्होंने ‘भीम’ के किरदार को जीवंत कर दिया।
खास बात यह है कि सौरव को भीम का किरदार स्वास्तिक प्रोडक्शन की ओर से सोशल मीडिया पर ऑफर हुआ था. सौरव बचपन से काफी शर्मीले प्रवृति के थे. भीम यानी सौरव की असल जिंदगी के बारे में जानने के लिए हमने उनसे कुछ खास बातचीत की. पेश है उनसे बातचीत के कुछ मुख्य अंश…
सवाल – भीम के किरदार पर पहला रिएक्शन क्या था आपका ?
जवाब – मेरे लिए यह अनुभव बहुत अलग रहा. किसी ने मुझे स्वास्तिक प्रोडक्शन की तरफ से इस रोल के लिए ऑफर किया. मुझे बेहद ख़ुशी हुई पर मैं बहुत डरा हुआ भी था. क्योंकि मैं काफी शर्मीले प्रवृति का था. हालांकि सबकुछ काफी इंट्रेस्टिंग था.
सवाल – असल जिंदगी में ‘भीम’ समझकर कोई डरा हो आपसे या आपने किसी को डराया हो ?
जवाब – (हँसते हुए ) सच में असल जिंदगी में कई बार लोग मुझसे डरे हैं. लंबा-चौड़ा, 140 किलो का कोई इंसान जब आपके सामने आए तो डरना स्वाभाविक है. मेरे दोस्त अक्सर मेरे नाम पर कि ‘सौरव को बुला दूंगा’ करके लोगों को धौस दिखाते थे. लेकिन हाँ लोग डरते थे मुझसे, लेकिन मैंने खुद से कभी किसी को नहीं डराया।
सवाल – ग्वालियर से मुंबई तक का सफर कैसा रहा ?
जवाब – ये सफर काफी बदलावों से भरा हुआ रहा. ग्वालियर मेरा जिला है. उसमें एक छोटा सा शहर है ‘डमरा’ जहां से मैंने स्कूलिंग की. मेरे पिता किसान है. मेरा जीवन बहुत साधारण सा रहा है. ऐसे छोटे शहर से जब कोई बच्चा बाहर जाता है तो मुंबई में रहने के लिए काफी मुश्किलें होती है लेकिन मेरी किस्मत अच्छी थी क्योंकि मेरे पास पहले से काम था. बस मैं एक्टिंग को लेकर काफी डरता था क्योंकि मुझे एक्टिंग के बारे में कुछ भी नहीं पता था. मुझे हमेशा से एथलीट बनना था लेकिन फिर जिंदगी ने यू-टर्न लिया और मैं मुंबई आ गया.
सवाल – एक दिन की एक्चुअल डाइट क्या है आपकी ?
जवाब – मेरी डाइट हमेशा से चेंज होती रही है. लेकिन हाँ ‘भीम’ के रोल के लिए मुझे थोड़ा फिट दिखना था. मैं सच बोलूं तो मैं 6 रोटी, ओट्स और फल, दूध जैसे दिन भर में खाता हूँ. लोग पता नहीं क्यों मुझे अलग समझते हैं कि मैं बहुत खाता हूं या मेरी कुछ एक्स्ट्रा डाइट है. लेकिन ये सब अफवाह है ऐसा कुछ नहीं है.
सवाल – शूटिंग के दौरान की कोई ऐसी बात, जो आपको हमेशा याद रहेगी ?
जवाब – यह मेरा पसंदीदा सवाल है. दरअसल ‘महाभारत’ जो शो था हमारा, हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि हम एक्टर हैं और एक को-एक्टर के साथ काम कर रहे हैं. महाभारत की पूरी यूनिट एक-दूसरे के लिए फैमिली जैसी थी. मेरे फोन में आज भी सबका नंबर अर्जुन, युधिष्ठिर, सहदेव नाम से ही सेव है. और मुझे याद है कि जब द्रौपदी का चीरहरण वाला सीन चल रहा था तब हम पाँचों पांडवों सचमुच रोए हैं. उस सीन में मैं इतने गुस्से में था कि मैंने दुर्योधन को चैलेंज देते हुए स्टैचू को तोडना था लेकिन मैंने उसपर इतनी तेज से मारा कि मुझे काफी चोट लग गई थी. मेरे दोस्त मुझे उस दौरान कॉल तक नहीं करते थे क्योंकि मैं गुस्से में रहता था. मैंने काफी शैतानी भी की है. जब भी शूट के लिए कॉल आता था तो सभी को एक साथ जाना होता था लेकिन मैं सभी के कंटेनर्स की कुंडी बंद करके भाग जाता था. जिससे बचे लोग एक-दूसरे के कंटेनर्स खोलते थे. हम पाँचों पांडव सचमुच के भाइयों की तरह रहते थे. मैंने वो सारे पल बहुत एन्जॉय किए हैं.
सवाल – कोई ऐसा संदेश, जो आप अपने फैंस को देना चाहेंगे?
जवाब – मैं अपने फैंस को तहे-ए-दिल से शुक्रिया कहना चाहता हूँ. जिन्होंने ‘महाभारत’ और मुझे इतना प्यार दिया। कभी भी रिस्क लेने से न डरें। और आपका जो भी सपना है उसे जरूर पूरा करें लेकिन अपने परिवार वालों को दुखी करके नहीं। कोशिश करें कि वो आपको सपोर्ट करें। बाकी आप सभी सुरक्षित रहें।
(चारु खरे के साथ सौरव गुर्जर की फोन पर हुई बातचीत के आधार पर )