प्रवासी मजदूरों पर CM योगी का करम, UP वालों पर सितम क्यों
कोरोन संकट के बीच, ‘ग़ैरों पे करम अपनों पे सितम, ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर, रहने दे अभी थोड़ा सा धरम, ऐ जान-ए-वफ़ा ये ज़ुल्म न कर’ ये लाइनें योगी सरकार के उस फैसल पर एक दम सही बैठ रही हैं, जिसमें यह कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य में पहुंचाया जाएगा। इससे पहले कोटा में फंसे छात्रों को यूपी की योगी सरकार बसों के द्वारा सूबे में वापस में ला भी चुकी है। लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे मजदूरों की सूध लेने वाला कोई नहीं है। न तो योगी सरकार उनको वापस लाने के लिए कोई निर्णय ले रही है और न ही कोई संकेत दे रही है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजने के लिए तैयार हैं, लेकिन अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के फंसे मजूदरों को वापस लाने पर खामोशी अख्तियार किए हुए हैं। ऐसे में विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। सपा ने कहा कि मजदूरों के मामले में योगी सरकार गैरों पे करम कर रही है तो अपनों पे सितम होते देख रही है।
राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाये जाने के बाद प्रवासी मजदूरों को वापस उनके राज्यों में भेजे जाने की मांग बढ़ गई थी। इसलिए सीएम योगी ने उनकी भी पूरी मदद का आश्वासन दिया। सीएम योगी ने कहा लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों के यूपी में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी।
वहीं, लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के लाखों मजदूर दिल्ली, गुजरात, मंबई सहित देश के तमाम राज्यों में फंसे हुए हैं. इस दौरान मजूदरों के पास न तो रोजगार है और न ही खाने की व्यवस्था है. इसके चलते मजदूरों को काफी दिक्कत और परेशानी उठानी पड़ रही है जबकि खाने के लिए उन्हें सरकार या फिर दूसरे लोगों पर निर्भर रहना पड़ रहा है. इसी वजह से मजदूर लगातार अपने घरों को वापस जाने लिए परेशान हैं और मांग कर रहे हैं, लेकिन इस दिशा में सरकार कोई कदम उठाने को तैयार नजर नहीं आ रही है.
सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से उत्तर प्रदेश के मजदूर भी देश के कई दूसरे प्रदेशों में फंसे हुए हैं। वहां पर वे भूखे प्यासे हैं। उनकी चिंता योगी सरकार नहीं कर रही है। हालत ये है कि परेशान होकर हजारों गरीब और मजदूर पैदल सैकड़ों-हजारों किलोमीटर चल कर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि आप दूसरे राज्यों के मजदूरों को उनके राज्य भेजने की बात कर रहे हैं, लेकिन जो हमारे भाई-बहन गरीब-मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं सरकार को उनकी चिंता और फिक्र नहीं है। योगी सरकार ‘गैरों पे करम-अपनों पे सितम’ कर रही है।