राज्यसभा में बीजेपी का ‘कांग्रेसी कार्ड’
न्यूज डेस्क
राज्यसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में बड़े सियासी घटनाक्रम के बाद करीब 18 साल कांग्रेस के सदस्य रहे कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है और राज्यसभा में नामांकन भी कर दिया है। कांग्रेस मुक्त का नारा देने वाली बीजेपी इस बार कई ऐसे नेताओं को राज्यसभा भेज रही है जो पहले कांग्रेस पार्टी में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। एमपी की तरह गुजरात में भी बीजेपी ने एक पूर्व कांग्रेसी नेता को टिकट देकर चौंका दिया है।
दरअसल, गुजरात की चार सीटों के लिए आगामी 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस ने कमर कस ली है। लेकिन इस बीच बीजेपी ने एक दांव से कांग्रेस की नींद उड़ा दी है। बीजेपी ने अपने तीसरे कैंडिडेट के रूप में कांग्रेस के पूर्व कद्दावर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम नरहरि अमीन को मैदान में उतारा है। बता दें कि अमीन 2012 में बीजेपी को मात दे चुके हैं।
बीजेपी के अभय भारद्वाज, रमीला बेन बारा और नरहरि अमीन और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल और पूर्व-जीपीसीसी प्रमुख भरतसिंह सोलंकी ने शुक्रवार को गुजरात विधानसभा के प्रशासनिक विंग में अपना नामांकन दाखिल किया।
बीजेपी ने अमीन को नामांकन भरवाकर पाटीदार कार्ड खेला है। राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पिछड़ने के बाद बीजेपी की कोशिश है कि इस नुकसान की भरपाई के लिए सभी तीन राज्यसभा सीटें हासिल की जाएं।
बताते चले कि गुजरात में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं और पार्टी 3 अन्य विधायकों के समर्थन का दावा करती है। यानी तीनों सीटों पर आराम से जीत हासिल करने के लिए बीजेपी को कांग्रेस के पांच विधायकों की जरूरत है। 73 सीटों के साथ और निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी के समर्थन वाली कांग्रेस का एक भी विधायक अगर इधर से उधर हुआ तो सोलंकी या गोहिल दोनों में से किसी एक की राज्यसभा पहुंचने की संभावनाओं को खतरा हो सकता है।