जिंदा मिट्टी में दफना दिया गया नवजात, ऐसे मिला जिंदा
उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जिस नवजात ने इस दुनिया में आने के बाद ठीक से आंखें तक नहीं खोली, उसे मारने के लिए मिट्टी के नीचे दबा दिया गया। कहते हैं, ‘जाको राखे साइयां मार सके न कोए’ यह कहावत चरितार्थ हुई और इस बच्चे की जान बच गई। मिट्टी के नीचे दबे होने के बावजूद नवजात सुरक्षित है और उसका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
जिले के थाना कोतवाली जोगिया क्षेत्र के गांव सोनौरा टोला में घनश्याम का घर बन रहा है। वर्कर मिट्टी खोदकर ला रहे थे। इसी दौरान उन लोगों को एक बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर लोग उसी दिशा में पहुंचे तो वहां एक जगह मिट्टी हिलती हुई नजर आई। बच्चे का कुछ लोगों ने एक वीडियो बनाया, जो दिल दहला देने वाला है।
ग्रामीणों ने मिट्टी हटाई तो किसी बच्चे का हाथ नजर आया। लोग घबरा गए। उन्होंने डरते हुए मिट्टी हटाई तो मिट्टी में सना एक नवजात मिला। लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और नवजात को अस्पताल भिजवाया गया। अस्पताल में नवजात का इलाज जारी है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोगिया में नवजात का इलाज चल रहा है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मानवेन्द्र पाल ने बताया कि नवजात को देखकर लगता है कि उसका जन्म कुछ ही देर पहले हुआ होगा। वे लोग हैरान हैं कि नवजात की सांस नली में कुछ मिट्टी चली गई है जो चिंता का कारण है लेकिन बच्चा फिलहाल ठीक है।
जन्म लेने के बाद जहां बच्चों को बहुत ज्यादा केयर की जरूरत होती है उन्हें धूल-मिट्टी से बचाना होता है। वहीं यह बच्चा मिट्टी में दबा रहा और उसका स्वास्थ्य होना किसी चमत्कार से कम नहीं है। डॉक्टर ने कहा कि नवजात को देखकर लगता है कि जन्म के कुछ ही घंटों के अंदर उसे मिट्टी में दबाया गया और वह कुछ देर ही मिट्टी में दबा रहा है।
नवजात को गोद लेने के लिए गांव के ही द्वारिका की पत्नी लक्ष्मी सामने आई हैं। उन्होंने इच्छा जाहिर की है कि वह नवजात को गोद लेना चाहती हैं। लक्ष्मी के साथ ही अन्य लोगों ने भी बच्चे को गोद लेने की पहल की है। जोगिया थाना इंचार्ज अंजनी राय ने कहा कि पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।