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मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की मुश्किलें अब सचमुच बढ़ने लगी हैं। मंदसौर की सुवसरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हरदीप सिंह डंग ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ‘जुगाड़’ के बहुमत पर चल रही कमलनाथ सरकार के लिए यह इस्तीफा खतरे की घंटी की तरह है। अगर कुछ और विधायकों का इस्तीफा होता है तो बहुमत का आंकड़ा कम होगा और कमलनाथ की सरकार गिर सकती है।

हरदीप सिंह डंग उन चार विधायकों में शामिल हैं, जिनको बेंगलुरु ले जाए जाने की बात कही जा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) हॉर्स ट्रेडिंग करके कमलनाथ सरकार को गिराना चाहती है। वहीं, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस में इतने गुट हैं कि वे खुद ही एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगे हुए हैं।

नौ विधायक ‘गायब’ हुए थे, सिर्फ पांच ही लौटे

इससे पहले मंगलवार देर रात राजनीतिक ड्रामा उस वक्त शुरू हुआ, जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस, बीएसपी और एसपी के कुल नौ विधायक अचानक गायब हो गए। इनमें से पांच विधायकों को बुधवार देर रात भोपाल लाया गया। हालांकि, चार विधायकों की लोकेशन ट्रैक नहीं हो सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चार विधायक कांग्रेस के बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, रघुराज कंसाना और निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा की लोकेशन नहीं मिल रही थी। अब इसमें से हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया है।

दिग्विजय और सिंधिया के करीबी विधायक लौटे

जो 6 विधायक लौट आए हैं, उनमें से 3 कांग्रेस के, 2 बीएसपी के और एक एसपी के विधायक हैं। इनमें से 3 दिग्विजय के करीबी और बाकी दो विधायक मंत्री न बनाए जाने से नाराज हैं जबकि एक विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के कैंप का है। पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि कमलनाथ सरकार के कुल 14 विधायक नाराज चल रहे हैं, जिन पर बीजेपी की नजर है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि बीजेपी ने कांग्रेस के छह, बीएसपी के दो (एक निलंबित) और एक निर्दलीय विधायक को गुरुग्राम के एक होटल में बंधक बनाया था। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले सरकार को समर्थन देने वाले विधायकों को 25 से 35 करोड़ रुपये का ऑफर दिए जाने का आरोप लगाया था और फिर कुछ विधायकों को बीजेपी द्वारा दिल्ली ले जाने की बात कही थी। उसके बाद से राज्य की सियासत में हलचल मची हुई है।

पूर्ण बहुमत ना मिलने के बावजूद कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में सरकार बना ली थी। शुरुआत से ही उन्हें बार-बार अपने विधायकों को संभालना पड़ा है। एक बार फिर से विधायकों को तोड़ने की कोशिश के चलते कमलनाथ सरकार की नींद उड़ी हुई है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। दो विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 बीएसपी (एक पार्टी से निलंबित) और एक एसपी विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। वहीं बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है।

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