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नए सत्र से कोविड-19 को कोर्स में शामिल करेगा लखनऊ यूनिवर्सिटी
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लखनऊ यूनिवर्सिटी में अब छात्रों को कोविड-19 के बारे में पढ़ाया जाएगा। छात्र न केवल इसकी उपत्ति के कारण बल्कि समाज पर इसके पड़ने वाले आर्थिक और सामाजिक कारणों को लेकर भी मंथन करेंगे। यूनिवर्सिटी ने इसे बायोकेमेस्ट्री और इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में शुरू करने का फैसला लिया है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि नए सत्र से इसे लागू किया जा रहा है।

कुलपति ने बताया कि यूनिवर्सिटी के बायोकेमेस्ट्री में क्लीनिकल बायोकेमेस्ट्री का एक पेपर है। इसमें छात्रों को बीमारियों के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें भारत में फैलने वाली बीमारी जैसे डेंगू, कोलरा के साथ विदेशों से आई बीमारी जैसे एचआईवी पढ़ाई जाती है। इसी में एक यूनिट कोविड-19 की भी शामिल की जा रही है। इस यूनिट में कोविड का बायोकेमेस्ट्री और उसके फैलने के बारे में पढ़ाया जाएगा।

इसके अलावा, इस पर लगातार हो रहे शोध कार्यों को भी शामिल किया जाएगा। बायोकेमेस्ट्री के अलावा यूनिवर्सिटी के द्विवीतय परिसर में इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ का संचालन किया जा रहा है। उसमें भी इसे शामिल किया जाएगा। यहां कोविड के आर्थिक परिणाम को भी जोड़ा जाएगा। कुलपति ने बताया कि सभी विभागों का नया सिलेबस बन चुका है। बोर्ड ऑफ स्टडीज और फैकल्टी बोर्ड से पास भी है। इसी नए सिलेबस में कुलपति के विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए इसे जोड़ा जा रहा है। नए सत्र से इसकी पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।

7 पाठ्यक्रमों का डिजिटल मूल्यांकन
कुलपति ने बताया कि सात पाठ्यक्रमों का डिजिटल मूल्यांकन भी शुरू किया जा रहा है। इसमें, नवीन परिसर में संचालित विधि, आईएमएस के प्रबंधन कार्यक्रम, इंजीनियरिंग, पर्यटन, इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ समेत सात पाठ्यक्रम शामिल हैं।अलगे चरण में इसे अन्य पाठ्यक्रम में लागू किया जाएगा।

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