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योगी की अगुवाई में मेट्रोपोलिटन सिटी बना गोरखपुर
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा हासिल कर चुका गोरखपुर बदलाव की नई आभा में चमकने लगा है। चौड़ी सड़कें, आईटीएमएस से ट्रैफिक प्रबंधन, जलनिकासी, सीवरेज और फ्लाईओवर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स से महानगर का कलेवर तेजी से बदल रहा। प्रदूषण मुक्त आवागमन के लिए यहां इलेक्ट्रिक बसों का बिना आवाज किए फर्राटा भरना सुखद लगता है तो आने वाले समय में यहां मेट्रो ट्रेन भी चलती नजर आएगी।

सीएम सिटी का गौरव होने से जाहिर तौर पर गोरखपुर में विकास की गतिविधियां विशेष हैं। सीएम योगी ने इसे राज्य स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया है। मंशा इसे देश के स्मार्ट सिटी की कतार में अग्रपंक्ति करने की है। स्मार्ट सिटी के मानकों पर गौर करें तो 24 घंटे बिजली-पानी की सुविधा, गड्ढामुक्त सड़कें और फुटपाथ की व्यवस्था, हाइटेक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम, साफ-सुथरा पर्यावरण और हरियाली, बेहतर सूचना कनेक्टिविटी और डिजिटलीकरण, गरीबों के लिए किफायती आवास, योजनाबद्ध विकास, शहर में एक स्मार्ट पुलिस थाना, नागरिकों की सुरक्षा की व्यवस्थाएं, स्वच्छता और कूड़ा निस्तारण के इंतजाम, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बिंदु इसमें शामिल होते हैं।

योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यहां बिजली, पानी की कोई दिक्कत नहीं रह गई है। शानदार रोड कनेक्टिविटी, सीवरेज व जलनिकासी के इंतजाम देश के बड़े महानगरों की तर्ज पर किए जा रहे हैं। यातायात प्रबंधन के लिए सड़कें चौड़ी की जा चुकी हैं, साथ ही 50 करोड़ रुपये से अधिक लागत का इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमस) लागू हो चुका है। गोलघर में 38 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर मल्टी लेवल पार्किंग की भी व्यवस्था हो चुकी है। यही नहीं, वार्ड स्तर तक बुनियादी सुविधाओं के विकास की लंबी श्रृंखला के बीच इसी माह सीवरेज योजना जोन-ए1, उत्तरी भाग की भी सौगात सीएम दे चुके हैं। इस पर 136.28 करोड़ रुपये की लागत आई है। पूरे प्रदेश का सबसे हाईटेक थाना गोरखनाथ भी बनकर तैयार हो चुका है।

शहर की स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए गोड़धोइया नाला परियोजना, नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन फ्लाईओवर, खजांची चौराहा पर फोरलेन फ्लाईओवर, सीवरेज योजना सी पार्ट टू जैसे कार्य गतिमान हैं। इंटरसेप्शन, डायवर्जन और ट्रीटमेंट से जुड़ी गोड़धोइया नाला परियोजना पर 474.42 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जबकि सीवरेज योजना पर 561.34 करोड़ रुपये। इसी तरह नौसढ़-पैडलेगंज सिक्सलेन फ्लाईओवर पर
429.49 करोड़ रुपये तथा खजांची चौराहे पर फोरलेन फ्लाई ओवर के निर्माण पर 96.50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसी क्रम में शहर की स्मार्टनेस बढ़ाने के लिए पैडलेगंज से फिराक गोरखपुरी चौक तक फोरलेन 277 करोड़ 77 लाख 94 हजार रुपये की लागत से बनेगा। डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन के मध्य समपार संख्या 162 ए पर पूर्व निर्मित रेल ओवरब्रिज के समानांतर टू लेन ओवरब्रिज के निर्माण पर 115 करोड़ 76 लाख 86 हजारों रुपये की लागत आएगी।

इलेक्ट्रिक बसों का हो रहा संचालन, अब मेट्रो ट्रेन की बारी
गोरखपुर शहर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 25 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। इन बसों की चार्जिंग के लिए 11 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से चार्जिंग स्टेशन भी बनाया गया है। अब शहर में मेट्रो ट्रेन के संचलन की बारी है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप इस पर प्रक्रियात्मक कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है। यहां दो कॉरिडोर बनाकर तीन कोच की मेट्रो लाइट चलाई जाएगी। गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन के प्रोजेक्ट पर 4600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान है।

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