यूपी: फिरौती देने के बाद हत्या, पुलिस एक बार फिर फेल
khabarji news desk
उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस एकबार फिर आरोपों के घेरे में है। विकास दुबे मामले में चौतरफा आलोचना झेल रही पुलिस एक बार फिर सवालों की घेरे में आ गई है। कानपुर अपहरण कांड में पीड़ित संजीत यादव के परिवालों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाएं हैं।
परिवारवालों के मुताबिक, 22 जून से अगवा हुए लैब असिस्टेंट के केस में पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती भी दिलवा दी, लेकिन फिर भी संजीत यादव को जिंदा नहीं छुड़ा पाए। संजीत की बहन चिल्ला-चिल्लाकर कहती रही कि थानेदार, चौकी प्रभारी और पुलिस अधीक्षक ही मेरे भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
वहीं इस मामले के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार पर एक बार फिर हमला बोला है।
प्रियंका ने कहा कि यूपी में एक नया गुंडाराज आया है, जिसमें कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है। प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा, ‘एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडो के सामने सरेंडर कर चुकी है।’
इसके अलावा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कानपुर(बर्रा) से अपहृत युवक संजीत यादव की अपहरणकर्ताओं द्वारा निर्मम हत्या कर दी गई है। यूपी का शासन व पुलिस प्रशासन दोनों अपहरण के 31वें दिन तक इस मामले में अक्षम व निष्क्रिय साबित हुए हैं? यूपी सरकार मृतक के परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता व एक सदस्य को नौकरी प्रदान करे।
पुलिस की नाकामी और लापरवाही पर उठ रहे सवालों के बीच आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पुलिस ने बताया कि संजीत के दोस्तों ने ही हत्या का साजिश रची और इसमें दो महिलाएं भी शामिल थीं। हालांकि पूरे मामले में पुलिस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाई कि आरोपियों को 30 लाख रुपये की फिरौती मिली या नहीं।
संजीत यादव केस में पुलिस ऑपरेशन फेल होने पर बर्रा थाना इंचार्ज रणजीत राय को सस्पेंड कर दिया गया है। परिवार के किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती देने के आरोप में आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा, ‘पीड़ित के रिश्तेदारों का दावा है कि किडनैपर्स को 30 लाख रुपये की फिरौती दी गई। लेकिन अभी तक की जांच में हमें पता चला है कि आरोपियों को फिरौती की रकम नहीं मिली। हम सारे पहलुओं से केस की जांच कर रहे हैं।’
आईजी ने बताया, ‘अभी तक हम परिवार के आरोपों के आधार पर ही केस को देख रहे थे लेकिन जो 5 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं उन्होंने पूछताछ में फिरौती मिलने की बात नहीं स्वीकारी है। परिवार वाले कह रहे हैं कि पैसे दिया गया.. ऐसे में यदि पैसा दिया गया है तो उसकी भी जांच होगी।’
पुलिस ने बताया कि दोस्तों ने ही संजीत यादव की हत्या की। उन्होंने कहा कि ज्ञानेंद्र यादव नाम के शख्स ने हत्या की साजिश रची जो संजीत के साथ काम करता था। आरोपियों ने वारदात के लिए किराये के कमरे का इस्तेमाल किया।
पुलिस ने बताया कि संजीत को 22 जून को अगवा किया गया था जबकि 27 जून को उसकी हत्या कर दिया गया। संजीत की हत्या करके शव को पांडु नदी में फेंक दिया गया। पुलिस शव बरामद करने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि बर्रा थाना क्षेत्र स्थित बर्रा पांच में रहने वाले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को बीते 22 जून को अपहरण हो गया था। अपहरण के बाद 29 जून को परिजनों के पास फिरौती के लिए फोन आया था। किडनैपर्स ने 30 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिस नंबर से किडनैपर्स ने फिरौती की मांग थी उसे पुलिस ने सर्विलांस पर लगाया था। इसके बाद भी संजीत का कहीं कुछ पता नहीं चला था।
परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने किसी तरह की मदद नहीं की। उनका कहना था कि अपना घर और जेवरात बेचकर और बेटी की शादी के लिए जमा की गई धनराशि को इकट्ठा कर 30 लाख रुपये जुटाए थे। 13 जुलाई को पुलिस के साथ किडनैपर्स को 30 लाख रुपये देने के लिए गए थे। अपहरणकर्ता पुलिस के सामने से 30 लाख रुपये लेकर चले गए थे। 30 लाख जाने के बाद भी बेटा नहीं मिला तो, पुलिस पर परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए थे