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मामूली लक्षणों वाले कोरोना मरीजों की वजह से गंभीर की जान को संकट
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khabarji news desk

मामूली लक्षण वाले कोविड मरीजों को लेवल-3 अस्पतालों में भर्ती किए जाने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की है। लेवल-3 अस्पताल सिर्फ उन मरीजों के लिए हैं जिनकी हालत काफी गंभीर हो चुकी है। ऐसे में गंभीर मरीजों के लिए बेड का संकट हो रहा है। डीएम ने इस पर आपत्ति जताते हुए पीजीआई, केजीएमूय, एरा और लोहिया संस्थान को चिट्ठी लिखी है।

डीएम अभिषेक प्रकाश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि लेवल-3 अस्पतालों में प्रोटोकॉल के आधार पर ही मरीजों की भर्ती की जाए। ऐसी जानकारी मिली है कि बड़ी संख्या में एसिम्प्टोमैटिक यानी बिना लक्षण वाले और माइल्ड सिम्प्टोमैटिक मरीजों को भर्ती कर लिया गया है। यह उचित नहीं है।

जिन मरीजों के लिए जो अस्पताल चिह्नित किए गए हैं उनमें ही उनको भेजा जाए। जिनके कोई लक्षण नहीं उनको कोविड केयर सेंटर, जिनके हल्के लक्षण हैं उनको लेवल-1, जिनको सांस लेने में तकलीफ है उनको लेवल-2 और जिनकी हालत गंभीर हो रही है उनको लेवल-3 अस्पताल में भर्ती किया जाए। एक दिन पहले ही अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा ने भी निर्देश दिया था कि परिवार में एक गंभीर मरीज और अन्य बिना या कम लक्षण वाले हैं तो सभी को एक अस्पताल में भर्ती न किया जाए।

मरीजों की जान सांसत में बेड के लिए संकट
दो दिनों से डीएम के पास यह शिकायत आ रही थी। शिकायत यह भी थी कि सिफारिश के दम पर कुछ लोगों ने मामूली या बिना लक्षण के बावजूद अपनी भर्ती केजीएमयू या पीजीआई में करवा ली है। इससे दिक्कत यह हुई कि जब कोई गंभीर मरीज आ रहा है तो उसके लिए बेड की व्यवस्था करना मुश्किल हो रहा है।

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