फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस, कांग्रेस बोली- बीजेपी ने बंधक बनाए विधायक
पिछले कई दिनों से चल रहे मध्य प्रदेश के सियासी घटनाक्रम के लिए आज बड़ा दिन है। एमपी विधानसभा में कमलनाथ सरकार को आज फ्लोर टेस्ट पास करना पड़ सकता है। हालांकि यह टेस्ट आज होगा या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है।
राज्यपाल लालजी टंडन ने तो सोमवार को फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया था लेकिन सदन की कार्यवाही में टेस्ट की प्रक्रिया लिस्टेड नहीं है। आधी रात में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात भी की है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा कि फ्लोर टेस्ट पर स्पीकर फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि वे पहले ही राज्यपाल को लिखित सूचना दे चुके हैं कि उनकी सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन बंधक बनाए गए विधायकों को पहले छोड़ा जाए।
कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा है और एमपी में कमलनाथ की सरकार को अस्थिर करना चाहती है। पार्टी का कहना है कि इन विधायकों को छोड़े बगैर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता। कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले सभी विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट कराने की भी मांग की है।
विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर सस्पेंस इसलिए है क्योंकि स्पीकर की ओर से विधानसभा के कार्यक्रम की जो लिस्ट जारी की गई है उसमें राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश होली से एक दिन पहले 9 मार्च को सियासी उठापटक तेज हो गई थी। राज्य के कद्दावर कांग्रेसी नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 कांग्रेस विधायक अचानक भोपाल से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु चले गए।
इन 22 विधायकों में से 6 कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे। इस सभी विधायकों ने अपने इस्तीफे स्पीकर को सौंप दिए हैं। स्पीकर ने 6 मंत्रियों का इस्तीफा तो स्वीकार कर लिया है, लेकिन 16 विधायकों का इस्तीफा अभी उन्होंने स्वीकार नहीं किया है।