हमें विमान ईंधन को जीएसटी के तहत लाने की जरूरत है: हरदीप सिंह पुरी
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नागर विमानन उद्योग ने विस्तार के एक नए युग की शुरुआत की है जो सस्ती विमानन सेवा (एलसीसी), आधुनिक हवाई अड्डों, घरेलू विमानन कंपनियों में एफडीआई, उन्नत सूचना प्रोद्योगिकी और क्षेत्रीय संपर्क पर हमारे बढ़ते जोर से संचालित है। हैदराबाद में आज ‘विंग्स इंडिया 2020’ में बोलते हुए श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ‘हम एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां हमें विमान ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने की आवश्यकता है। इसके लिए विभिन्न राज्यों की सहमति आवश्यक होगी।’
उन्होंने आगे कहा कि कोरोनावायरस से उत्पन्न मौजूदा स्थिति विशेष तौर पर नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री और उनके कार्यालय द्वारा व्यक्तिगत तौर पर इसकी निगरानी की जा रही है और निर्देश दिए जा रहे हैं। इसके पहला सबूत मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर हमने 12 सबसे अधिक प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी। हमने इसका विस्तार करते हुए दुनिया भर के किसी भी देश से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग को शामिल किया है। हमारे हवाई अड्डे दुनिया भर में हवाई अड्डों के संचालन के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करते हैं, विशेष रूप से वे 30 हवाई अड्डे जहां उचित स्क्रीनिंग पहले से ही की जा रही है। हमने दुनिया भर से आने वाली 10,876 उड़ानों की स्क्रीनिंग की है जिसमें 11,71,061 यात्री शामिल हैं। इनमें से 3,225 यात्रियों को आगे की स्क्रीनिंग की आवश्यकता है।’
तेलंगाना सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार और नगर प्रशासन एवं शहरी विकास मंत्री श्री केटी रामाराव ने कहा कि विमानन एवं एयरोस्पेस के क्षेत्र में विकास के लिए हमारे पास आपार संभावनाएं मौजूद हैं। हमारा ध्यान कौशल विकास और एमआरओ बुनियादी ढांचा एवं विदेशी निवेश पर केन्द्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा पर्याप्त विदेशी निवेश के साथ-साथ रोजगार सृजन के लिहाज से एमआरओ क्षेत्र मे अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
आज समापन सत्र के दौरान मंत्रालय में मुख्य अतिथि श्री हरदीप सिंह पुरी थे। उनके साथ श्री के टी रामा राव, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अरविंद सिंह और फिक्की की नागरिक उड्डयन समिति के चेयरमैन एवं एयरबस इंडिया के प्रबंध निदेशक श्री आनंद स्टैनली उपस्थित थे। इस दौरान विमानन उद्योग के परिदृश्य पर भी चर्चा की गई। मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
· पिछले 18 वर्षों में घरेलू यातायात में 14 गुना वृद्धि हुई है। अंतरराष्ट्रीय यातायात सहित कुल यातायात में 8.2 गुना वृद्धि हुई है।
· कनेक्टिविटी के लिहाज से विमान्न उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है। उड़ान योजना के माध्यम से बढ़ती कनेक्टिविटी ने प्रति व्यक्ति यात्राओं को 0.1 प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 0.5 प्रति व्यक्ति करने में मदद की है।
· फिक्की के अध्ययन के अनुसार हर मिनट एक विमान लैंड करता है या उड़ान भरता है और भारत में हवाई यात्रियों की संख्या 1 अरब तक हो जाएगी।
· अगले कुछ वर्षों में एमआरओ के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने से 100% भारतीय विमानों की सर्विसिंग भारत में ही की जाएगी।
· 2040 तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने फिक्की के साथ मिलकर एक योजना तैयार की है ताकि विमानों के कलपुर्जों का 100% विनिर्माण भारत में ही सुनिश्चित हो सके।
आयोजन के दौरान श्री हरदीप सिंह पुरी की उपस्थिति में विभिन्न हितधारकों के बीच चार समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए। वे इस प्रकार हैं:
· नागर विमानन मंत्रालय की कृषि उड़ान योजना के तहत रास-अल-खैमाह इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट और स्पाइसजेट लिमिटेड के बीच त्रि-पक्षीय समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान।
· तेलंगाना सरकार, जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट और एयरबस बिजलैब।
· तेलंगाना सरकार और डीजेआई।
· तेलंगाना सरकार, एशिया पैसिफिक एफटीओ और मरुत ड्रोन्स।
सत्र के दौरान स्वच्छ्ता पखवाड़ा पुरस्कार 2019 की घोषणा भी की गई। इसमें विमानन कंपनियों, हवाई अड्डों और विमानन क्षेत्र में संगठनों द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों को मान्यता दी गई। विजेताओं के नाम इस प्रकार हैं: