Breaking news
LAC पर बदल सकती है भारतीय सेना की रणनीति
Spread the love
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद भारत सेना अपनी रणनीति में बदलाव कर सकती है। सबसे अहम बदलाव यह हो सकता है कि एलएसी पर बिना हथियार के पेट्रोलिंग शायद अब नहीं की जाए।

सोमवार की रात हुए खूनी संघर्ष में बड़ी संख्या में भारतीय जवानों के मारे जाने और हताहत होने के दो प्रमुख कारणों में एक उनका हथियारबंद नहीं होना तथा दूसरे वहां की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का होना है।

सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 1996 के एक समझौते के तहत एलएसी के दो किमी के दायरे में बंदूक आदि के इस्तेमाल पर रोक है।

इसलिए सेना की टुकड़ियां पेट्रोलिंग के दौरान हथियार नहीं ले जाती हैं। हालांकि समझौते में यह स्पष्ट नहीं है कि हथियार लेकर भी नहीं जाना है।

लेफ्टनेंट जनरल (रिटायर्ड) राजेन्द्र सिंह के अनुसार चूंकि इस्तेमाल नहीं किया जाना है। इसलिए सैनिकों को ले जाने की मनाही है ताकि वे झड़प होने पर जोश में इस्तेमाल न कर बैठें।

लेकिन जिस प्रकार चीनी सैनिकों ने राड और कटीले तारों से हमला किया है, वह समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है। ऐसे में यह समझौता भी अब बेमानी है।

सेना के सूत्रों के अनुसार, झड़प के दौरान ज्यादातर जवानों की संकरे स्थान से नीचे गलवान नदी में गिरने से मौत हुई। कुछ मंगलवार की सुबह घायल मिले थे, लेकिन बाद में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।

तीसरे, खूनी संघर्ष के दौरान चीनी सैनिक ज्यादा थे और ऊंचाई पर थे और उनके पास राड, कंटीले तार आदि थे। इसलिए यह माना जा रहा है कि वे पहले से संघर्ष के लिए तैयार थे।

सबसे पहले उन्होंने कमांडिंग अफसर और दो सैनिकों पर हमला किया। सेना दोबारा ऐसे हालात से भी निपटने की तैयारी में जुट गई है।

इस घटना के बाद हालांकि विदेश मंत्रियों के बीच बात हुई लेकिन उस क्षेत्र में सेना को अलर्ट पर है। सेना को अलर्ट पर रखा गया है। रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल राजेन्द्र सिंह कहते हैं कि ऐसी स्थिति में सेना जवाबी कार्रवाई कर सकती है।

उस इलाके में किसी दूसरे स्थान पर भारतीय सैनिक घेरा डाल सकते हैं, दूसरे जगहों पर चीनी सैनिकों को खदेड़ने की कार्रवाई हो सकती है।

एक विकल्प यह भी है कि वह जिस प्रकार चीन ने एलएसी के करीब निर्माण किया है, उसी प्रकार भारतीय पक्ष भी कर सकता है। सीमित युद्ध का विकल्प भी ऐसे मामले में सेना खुले रखती है।

Leave comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *.