अमेरिका-ब्राजील से भी ज्यादा भारत में मृत्युदर
भारत में संक्रमण के मामले दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहे हैं। ऑवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, बीते एक हफ्ते में कुल मामलों में 28.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई जबकि सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका, ब्राजील और रूस में वृद्धिदर अपेक्षाकृत कम रही। अमेरिका और रूस के मुकाबले भारत में वृद्धि दर लगभग तीन गुनी ज्यादा रही। इसके अलावा एक सप्ताह के अंदर देश में मृत्युदर में भी काफी तेजी से इजाफा देखा गया है।
बीते एक हफ्ते में तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र और यूपी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। तेलंगाना में लगभग दस दिन में जबकि आंध्र प्रदेश में 13 दिन में मामले दोगुने हो गए। हरियाणा-पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में बीते दो दिनों में तेजी से नए मामले सामने आए हैं।
संक्रमितों में पुरुष ज्यादा
भारत में संक्रमण की चपेट में सबसे ज्यादा पुरुष आ रहे हैं लेकिन महिलाओं की जान को खतरा कहीं ज्यादा है। जर्नल ऑफ ग्लोबल हेल्थ साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, 100 संक्रमितों में 66 पुरुष हैं जबकि 33 महिलाएं लेकिन 3.3 फीसदी महिला मरीजों की मौत हो रही है जबकि पुरुषों में मृत्युदर सिर्फ 2.9 फीसदी है। 20 मई तक के आंकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण किया गया है।
संक्रमण में कहां कितनी वृद्धि दर रही
भारत 28.9 %
ब्राजील 24.1 %
मैक्सिको 23.6 %
स्वीडन 14.1 %
पेरू 10.0 %
रूस 10.0 %
अमेरिका 9.80 %
ईरान 9.10 %
स्रोत:::ऑवर वर्ल्ड इन डाटा
मौतों में मैक्सिको के बाद सबसे ज्यादा वृद्धि
भारत में दुनिया के मुकाबले मृत्युदर काफी कम है लेकिन बीते एक हफ्ते में इसमें काफी तेजी वृद्धि देखी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मरने वालों की संख्या में बीते सप्ताह के मुकाबले 22 फीसदी का उछाल आया है जबकि अमेरिका-ब्राजील और रूस में यह काफी कम है। आइए जानें कि किस देश में कितनी वृद्धि दर रही।
एक हफ्ते में बढ़ोतरी
मैक्सिको 27.7
भारत 21.7
पेरू 19.1
ब्राजील 16.4
रूस 14.8
ईरान 8.8
स्वीडन 4.5
स्पेन 4.4
अमेरिका 3.7
स्रोत:::ऑवर वर्ल्ड इन डाटा
जानिए क्या है बड़ी वजह
-यूपी-हरियाणा और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में रैपिड एंटीजन टेस्टिंग शुरू हो गई है। इस वजह से भी मामले काफी तेजी से सामने आ रहे हैं।
-दिल्ली में परीक्षण बीते हफ्तों के मुकाबले लगभग तीन गुने हो गए हैं, इसी वजह से यहां भी लगातार चार हजार के करीब मामले दर्ज किए जा रहे हैं
-ज्यादातर टेस्टिंग कंटेनमेंट जोन, हॉटस्पॉट इलाकों और मरीजों के संपर्क में आने वाले डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों की कराई जा रही है, यह भी बड़ी वजह है।
राहत की बात
-सक्रिय मामलों की संख्या में बीते पांच दिन में सिर्फ 2.2 फीसदी की वृद्धि देखी गई। इससे पता चलता है कि मरीज तो बढ़ रहे लेकिन ज्यादातर लोगों के ठीक होने से सक्रिय मामले बहुत नहीं बढ़ रहे
-महामारी को मात देने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 17 जून को ठीक होने की दर 52.95 फीसदी थी जो अब बढ़कर 57.43 फीसदी हो गई है।