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कोरोना वायरस को लेकर अभी तक चीन के लिए दुनिया के दिल में जो दर्द था वही दर्द एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद शक़ पैदा करने लगा है. ये शक़ इसलिए क्योंकि इस रिपोर्ट में ज़िक्र है उस बात का जो अगर सच साबित हुई तो चीन घिर सकता है. ये शक़ कोरोना वायरस के ओरिजन यानी जन्म को लेकर है. अब तक कहा जा रहा था कि ये वायरस वुहान की फिश मार्केट से फैला है. लेकिन अब खबर आ रही है कि ये वायरस चीन की ही लैब में तैयार जैविक हथियार भी हो सकता है.

हालांकि, कोरोना वायरस की शुरुआत को लेकर चीन की तरफ़ से नई थ्योरी दी जा रही है। चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा है कि यह अमरीकी बीमारी है जो शायद अक्टूबर में चीन के वुहान में आए अमरीकी सैनिकों से फैली है।

हालांकि इस नई थ्योरी के समर्थन में कोई सबूत नहीं दिया गया है। कोरोना वायरस को लेकर अमरीकी सैनिकों पर आरोप चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता चाओ लिजियान ने ट्वीट कर लगाया है। कोरोना वायरस को लेकर अप्रमाणिक रूप से कई बातें पहले भी कही गई हैं।

इससे पहले अमरीकी सीनेटर टॉम कॉटन ने आशंका जताते हुए कहा था, ”संभव है कि कोरोना वायरस चीन का जैविक हथियार हो और इसे वुहान लैब में विकसित किया जा रहा हो।”

कॉटन ने कहा था, ”हमारे पास इस बात के सबूत नहीं हैं कि ये बीमारी यहीं पनपी है। लेकिन शुरुआत से ही चीन का जो रवैया और छल की भावना है उसे देखते हुए हमें एक ही सवाल पूछने की ज़रूरत है कि सबूत क्या कहते हैं और चीन फ़िलहाल उस सवाल पर कोई सबूत नहीं दे रहा।”

हालांकि बाद में कॉटन इस बात से असहमत नज़र आए कि कोरोना वायरस चीनी जैविक हथियार फटने की वजह से फैला है। लेकिन यह उन तमाम कहानियों में से एक है जो वॉशिंगटन में चीन को लेकर कही जा रही हैं।

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