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योगी सरकार के तुगलकी फरमान से नाराज कर्मचारी कर सकते हैं आंदोलन: कांग्रेस
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने सूबे की योगी सरकार द्वारा अपने राजस्व की कमी का बहाना बनाकर प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनरों के भत्ते पर एक साल की रोक लगाना अमानवीय, अव्यवहारिक और तुगलकी फरमान कहा है। सरकार के इस अव्यहारिक फैसले से राज्य के करीब 16 लाख कर्मचारी व 11.8 लाख पेंशन-धारक प्रभावित होंगे।

लॉकडाउन महामारी के समय प्रदेश के डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाई कर्मचारी, शिक्षक सहित सभी कर्मचारियों पर दो गुना काम का बोझ है। ऐसे समय में उनका डीए और डीआर को सस्पेंड करना उन्हें हतोत्साहित करना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार निजी कंपनियों व उद्योगों के मालिकों से ये अपील करती है कि अपने कर्मचारियो का वेतन न काटे और समय से पहले वेतन दे, वही दूसरी तरफ सरकार द्वारा खुद के कर्मचारियों का हक मारना दुर्भाग्यपूर्ण होगा।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि सभी कर्मचारी संगठनों ने अपनी क्षमता के अनुसार खुद आगे आकर प्रदेश के राहत कोष में मदद दी है। सरकार द्वारा इस कर्मचारी विरोधी फैसले से सभी कर्मचारी नाराज है और आंदोलन कर सकते है।

उन्होने कहा कि भत्तों पर रोक लगने से कार्मिकों को इस समय जो वेतन मिल रहा है वह कम मिलेगा। भत्तों की कटौती से सबसे अधिक नुकसान सचिवालय के कार्मिकों को होगी।

नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता नहीं मिलने से सचिवालय में समूह घ से समूह क तक के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रतिमाह 1500 से लेकर 3500 रुपए वेतन कम मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना महामारी के समय में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिये सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे।

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