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RBI ने फिर घटाया रिवर्स रेपो रेट, इकॉनमी के लिए रिजर्व बैंक ने किए ऐलान
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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए कई बड़े ऐलान किए। लॉकडाउन में दूसरी बार राहत की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है। रिवर्स रेपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया है। रिवर्स रेपो दर घटने से बैंक अपनी नकदी को फौरी तौर पर रिजर्व बैंक के पास रखने को कम इच्छुक होंगे। इससे उनके पास नकदी की उपलब्धता बढ़ेगी। बैंक अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों को अधिक कर्ज देने को प्रोत्साहित होंगे।

रिवर्स रेपो रेट में एक महीने में दूसरी बार कटौती की गई है। 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी। तब रेपो रेट में भी 75 बेसिस पॉइंट की कमी की गई थी। रेपो रेट को 4.4 पर्सेंट पर यथावत रखा गया है।

दिनभर के कामकाज के बाद बैंकों के पास जो रकम रकम बच जाती है उसे भारतीय रिजर्व बैंक में रख देते हैं। इस रकम पर रिजर्व बैंक उन्हें ब्याज देता है। भारतीय रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।

रिजर्व बैंक ने सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए उपायों की घोषणा करते हुए एमएफआई और नॉन-बैंकिंग सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक लक्षित दीर्घकालिक रेपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के जरिए यह मदद दी जाएगी। नाबार्ड, सिटबी और हाउसिंग बैंक को भी 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। 25 हजार करोड़ नाबार्ड को दिए जाएंगे। 15 हजार करोड़ रुपये सिडबी को दिए जाएंगे। 10 हजार करोड़ रुपये नेशनल हाउसिंग बैंक को दिए जाएंग


शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंकों द्वारा मौजूदा ऋणों की वापसी पर लगाई गई रोक पर 90 दिन का एनपीए नियम लागू नहीं होगा। कोविड-19 महामारी के कारण सामने आई वित्तीय कठिनाइयों के चलते बैंक आगे किसी लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार सुबह ये घोषणाएं करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था पर बढ़े वित्तीय दबाव को कम करने के लिए केन्द्रीय बैंक पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही दास ने राज्यों पर खर्च के बढ़े दबाव को देखते हुये उनके लिए अग्रिम की सुविधा को 60 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इससे राज्यों को इस कठिन समय में संसाधन उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है। महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है। गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है। कोरोना संकट के बाद भारत की जीडीपी 7 पर्सेंट से अधिक रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले सीजन के मुकाबले खरीफ फलस में 30 फीसदी की तेजी आई है। मौसम विभाग ने कहा है कि 2020 में मॉनसून सामान्य रहेगा। रूरल डिमांड के लिए अच्छे संकेत हैं।

आईआईपी के मुताबिक औद्योगिक उत्पादन 7 महीने के उछाल पर है, लेकिन यह लॉकडाउन के पहले का है। बिजली मांग में कमी आई है। ऑटो मोबाइल प्रोडक्शन में तेजी से कमी आई है। सप्लाई में बाधाए हैं, निर्यात में कमी आई है। फॉरेन एक्सचेंज का स्तर 476.05 अरब डॉलर है। बैंकिंग सेक्टर अच्छी तरह काम कर रहा है। 91 पर्सेंट एटीएम काम कर रहे हैं। आरबीआई की ओर से 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये की करेंसी भेजी गई है। उन्होंने बताया कि मार्च में निर्यात 34.6 प्रतिशत घट गया, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं बड़ी गिरावट को दर्शाता है।

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